
(रायपुर) बिजली दरों में बढ़ोतरी : कांग्रेस की आंदोलन की तैयारी तो मुख्यमंत्री साय ने कहा किसानों और गरीबों पर नहीं होगा खास असर
- 12-Jul-25 01:41 AM
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रायपुर, 12 जुलाई (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ में बिजली दरों में हुई बढ़ोतरी को लेकर राजनीतिक विवाद तेज हो गया है। कांग्रेस ने इस बढ़ोतरी के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन करने की घोषणा की है। वहीं, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि बिजली दरों में वृद्धि का कोई खास असर किसानों और गरीबों पर नहीं पड़ेगा क्योंकि गरीबों को आधी बिजली की सुविधा दी जाती है। उन्होंने बताया कि घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दर में 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी हुई है, जबकि किसानों के लिए 3 हॉर्सपावर तक के पंप के बिजली बिल में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि हुई है। इसके बावजूद सरकार किसानों को 3 हजार यूनिट तक मुफ्त बिजली उपलब्ध कराती है, जिसकी लागत सरकार विद्युत विभाग को देती है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने विद्युत वितरण कंपनी (सीएसपीडीसीएल) की मांग पर बिजली दरों में औसतन 1.89 प्रतिशत वृद्धि को मंजूरी दी है। इसके तहत घरेलू उपभोक्ताओं को 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट अधिक बिजली देना होगा, जबकि गैर-घरेलू उपभोक्ताओं के लिए यह वृद्धि 25 पैसे प्रति यूनिट की गई है।
यह पहली बार है जब प्रदेश में भाजपा सरकार के कार्यकाल में बिजली के दाम बढ़े हैं। इससे पहले कांग्रेस सरकार के समय 2022-23 में 2.5 प्रतिशत और 2024-25 में 4.88 प्रतिशत दरों में वृद्धि की गई थी, यानी कांग्रेस के शासनकाल में कुल 7.38 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई थी।
विद्युत नियामक आयोग ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में विद्युत कंपनियों के राजस्व घाटे को ध्यान में रखते हुए 2025-26 के लिए वितरण कंपनी की मांग को कुछ कटौती के साथ स्वीकार किया गया है। आगामी वित्तीय वर्ष में बिजली की अनुमानित बिक्री भी बढ़ाई गई है।
नई बिजली दरें 1 जुलाई 2025 से लागू होंगी। इसके तहत घरेलू उपभोक्ताओं के साथ-साथ कृषि, उद्योग और अन्य उच्चदाब उपभोक्ताओं के लिए भी विभिन्न संशोधन किए गए हैं।
मुख्य बिंदु :
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट तक की दर वृद्धि।
कृषि पंपों के लिए 50 पैसे प्रति यूनिट बढ़ोतरी, लेकिन गैर-सब्सिडी वाले पंप धारकों को ऊर्जा प्रभार में 30 प्रतिशत छूट।
मोबाइल टावरों के लिए विशेष छूट और वामपंथ प्रभावित क्षेत्रों में प्रोत्साहन।
अग्रिम भुगतान करने वालों को छूट बढ़ाकर 1.25 प्रतिशत किया गया।
उच्चदाब उपभोक्ताओं के लिए भी टैरिफ और रियायतों में बदलाव।
सरकार का कहना है कि यह बढ़ोतरी आर्थिक जरूरतों और बिजली कंपनियों के घाटे को पूरा करने के लिए आवश्यक है, लेकिन किसानों और गरीबों की सुविधा में कोई कमी नहीं होगी। वहीं विपक्ष ने इस बढ़ोतरी का विरोध करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।
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