(रायपुर) बोगस फ र्म और बोगस बिल तैयार करने वाले सिंडिकेट का राज्य जीएसटी विभाग ने किया खुलासा

  • 19-Sep-25 02:22 AM

रायपुर,19 सितबंर (आरएनएस)। राज्य जीएसटी विभाग ने जीएसटी एनालिटिक्स और इंटेलिजेंस नेटवर्क तथा जीएसटी प्राईम पोर्टल का उपयोग करके बोगस फ र्म और बोगस बिल तैयार करने वाले सिंडिकेट का पता लगाया है। सिंडीकेट का मास्टर माइंड मोहम्मद फरहान सोरठिया को बताया जा रहा है, जो जीएसटी के कर सलाहकार के रूप में कार्य करता था। राज्य जीएसटी की बीआईयू टीम इस प्रकरण पर एक माह से कार्य कर रही थी। मास्टर माइंड मोहम्मद फरहान सोरठिया के ऑफिस में 12 सितंबर को जांच की गयी। जांच के दौरान यहां से 172 फ र्मों के बारे में जानकारियां मिली। फरहान ने अपने 5 ऑफिस स्टॉफ को फ र्मों का पंजीयन कराने, रिटर्न फ ाईल करने और ई-वे बिल तैयार करने के लिये रखा था। इसके अलावा मास्टर माइंड के आफिस से बोगस पंजीयन के लिये किरायानामा, सहमति पत्र, एफिडेविट तैयार करने के भी साक्ष्य मिले हैं। ऑफिस से 26 बोगस फ र्मों से ही 822 करोड़ का ई-वे बिल जनरेट किया गया, जबकि रिटर्न में 106 करोड़ रूपये का ही टर्नओव्हर दिखाया गया है। केवल इन फ र्मों से ही राज्य को 100 करोड़ रूपये के जीएसटी का नुकसान होने का प्रारंभिक आंकलन है।  प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार राज्य के भीतर और पंजाब, असम, मणिपुर, ओडिसा में भी पंजीयन लिया गया है। पंजीयन के लिए बोगस दस्तावेज जैसे किरायानामा एवं सहमति पत्र भी तैयार किये जाते थे। इन फर्मों के माध्यम से बोगस सप्लाई बिल और ई-वे बिल जारी किए जा रहे थे।मोहम्मद फरहान के बोगस फर्मों से संबंधित दस्तावेज छुपाये जाने की सूचना पर विभाग ने 17 सितंबर को फरहान के चाचा मोहम्मद अब्दुल लतीफ  सोरठिया के आवास में सर्च (जांच) किया गया। वहां अधिकारियों को 1 करोड़ 64 लाख रूपये के नोट और 400 ग्राम सोने के 4 बिस्किट मिले। विभाग के अधिकारियों ने इसे जब्त कर के आयकर विभाग को सूचना दे दी है। फिलहाल राज्य कर विभाग द्वारा मामले की गहन जांच की जा रही है और आगे की विधिक कार्यवाही प्रगति पर है।




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