(रायपुर) भारत को बदलते वैश्विक परिदृश्य के लिए तैयार रहना होगा: राम माधव
- 04-Oct-25 06:04 AM
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रायपुर, 04 अक्टूबर (आरएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक, चिंतक और लेखक राम माधव ने कहा है कि विश्व व्यवस्था तेजी से बदल रही है और भारत को इस नए दौर के अनुरूप खुद को ढालना होगा। वे छत्तीसगढ़ में आयोजित एक विशेष व्याख्यान में अपनी पुस्तक 'द न्यू वल्र्ड 21 सेंचुरी ग्लोबल ऑर्डर एंड इंडियाÓ पर बोल रहे थे। यह कार्यक्रम साहित्य अकादमी, छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद और छत्तीसगढ़ यंग थिंकर्स फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।
राम माधव ने कहा कि दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति में प्रवेश कर चुकी है, जिसकी नींव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर टिकी है। उन्होंने कहा, विज्ञान और तकनीक ने हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है। हम एक ऐसे युग में हैं, जहां मेटा-ह्यूमन जैसी अवधारणाएं हकीकत बन रही हैं। भविष्य में रोबोट शिक्षक कक्षा में पढ़ाएंगे और वर्चुअल क्लासरूम आम बात होगी। उन्होंने भारत और चीन की तुलना करते हुए बताया कि 1980 में दोनों देशों की लगभग समान थी, लेकिन चीन ने तेज़ी से आर्थिक विकास करते हुए भारत से आगे निकल गया। उन्होंने कहा कि भारत को 21वीं सदी में अपनी भूमिका तय करने के लिए तकनीकी नवाचार, दीर्घकालिक रणनीति और आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर देना होगा। राम माधव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के विजन का जि़क्र करते हुए कहा कि हमें यह स्पष्ट रूप से समझना होगा कि 2047 का भारत कैसा होगा, और वहां तक पहुंचने का रास्ता क्या होगा। उन्होंने कहा कि देश को भविष्य के लिए अभी से तैयार करना होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राम माधव की यह पुस्तक वैश्विक सोच की दिशा में एक नई शुरुआत है। उन्होंने कहा कि भारत को नई वैश्विक व्यवस्था में अग्रणी भूमिका निभानी है और इसके लिए शोध, प्रशासन और बौद्धिक संस्थाओं की बड़ी जिम्मेदारी है। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य को आने वाले समय की चुनौतियों के अनुरूप नये सिस्टम की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बस्तर जैसे क्षेत्रों में नक्सलवाद की समाप्ति के बाद अब वहां विकास के लिए अलग दृष्टिकोण अपनाने की ज़रूरत है। शर्मा ने कहा, दुनिया तेजी से बदल रही है, संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं का प्रभाव भी घट रहा है। ऐसे में भारत को आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सक्षम राष्ट्र बनना होगा।
उन्होंने कहा कि केवल अधिकारों की नहीं, बल्कि कर्तव्यों की भावना के साथ देश को आगे बढ़ाना होगा। हम देश को केवल भाग्य भरोसे नहीं छोड़ सकते। प्रधानमंत्री ने 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य रखा है, जिसे पाने के लिए हर नागरिक को मेहनत करनी होगी, उन्होंने कहा।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य अपूर्व मिश्रा ने पुस्तक की प्रमुख बातों का विस्तार से परिचय दिया। साहित्य अकादमी अध्यक्ष शशांक शर्मा ने मंच संचालन किया। कार्यक्रम में राज्यभर से बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी, लेखक और युवा चिंतक शामिल हुए। यंग थिंकर्स फाउंडेशन के उज्ज्वल दीपक भी मंच पर उपस्थित रहे।
बंछोर
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