(रायपुर) रायपुर में दुर्लभ हृदय सर्जरी से 70 वर्षीय मरीज को दी नई जि़ंदगी

  • 07-Jul-25 02:19 AM

0 गले की नस में था 95 प्रतिशत ब्लॉकेज
रायपुर, 07 जुलाई (आरएनएस)। राजधानी रायपुर स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय (अंबेडकर अस्पताल) के हार्ट, चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग में एक अत्यंत जटिल और जोखिमभरी सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देकर 70 वर्षीय बुजुर्ग मरीज की जान बचाई गई। यह ऑपरेशन विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू और उनकी टीम द्वारा किया गया, जिसे राज्य की अपनी तरह की पहली सफल कैरोटिड एंडआर्टरेक्टॉमी सर्जरी बताया जा रहा है।
गंभीर स्थिति में पहुंचे थे मरीज
बालाघाट निवासी वृद्ध मरीज को पिछले दो वर्षों से बार-बार चक्कर आना, लकवे जैसे लक्षण, एक आंख से धुंधला दिखाई देना और सुनने में कठिनाई जैसी समस्याएं हो रही थीं। डॉक्टरों ने जांच में पाया कि मस्तिष्क तक रक्त पहुंचाने वाली दाहिनी *कैरोटिड आर्टरी* में 95 प्रतिशत तक अवरोध था, जिससे मस्तिष्क में रक्त प्रवाह बाधित हो रहा था।
जटिल ऑपरेशन, जान का खतरा
डॉ. साहू के अनुसार, यह सर्जरी जोखिम भरी थी क्योंकि ऑपरेशन के दौरान यदि किसी भी प्रकार का थक्का या हवा का बुलबुला मस्तिष्क में पहुंच जाता, तो मरीज को ब्रेन डेड होने का खतरा था। मरीज और परिजनों को यह जानकारी देने के बाद ही सहमति लेकर ऑपरेशन किया गया।
विशेष तकनीक से हुआ उपचार
सर्जरी के दौरान कैरोटिड शंट नामक एक विशेष उपकरण का इस्तेमाल किया गया ताकि ऑपरेशन के दौरान मस्तिष्क तक रक्त की आपूर्ति बनी रहे। ब्लॉकेज हटाने के बाद नस की मरम्मत बोवाइन पेरीकार्डियम पैच से की गई। पूरी प्रक्रिया सफल रही और मरीज अब स्वस्थ होकर जल्द डिस्चार्ज होने की स्थिति में है।
सर्जरी बनाम स्टेंटिंग : कौन ज्यादा सुरक्षित
डॉ. साहू के अनुसार, इस समस्या के उपचार के लिए कैरोटिड आर्टरी स्टेंटिंग एक विकल्प होता है, लेकिन कैरोटिड एंडआर्टरेक्टॉमी सर्जरी अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित और स्थायी समाधान मानी जाती है, खासकर तब जब ब्लॉकेज बहुत अधिक हो।
क्या होती है कैरोटिड आर्टरी और क्यों होता है ब्लॉकेज?
कैरोटिड आर्टरी वह मुख्य धमनी है जो गले से होते हुए मस्तिष्क तक रक्त पहुंचाती है। इसमें रुकावट मुख्यत: निम्न कारणों से होती है:
0 धूम्रपान और तंबाकू का सेवन
0 उच्च रक्तचाप
0 अनियंत्रित मधुमेह
0 कोलेस्ट्रॉल का अधिक जमाव
0 उम्र बढऩे के साथ धमनियों का सख्त होना
50 प्रतिशत तक ब्लॉकेज में लक्षण नहीं दिखते, लेकिन 70-80 प्रतिशत या उससे अधिक ब्लॉकेज पर लक्षण उभरते हैं, जैसे: चक्कर आना, एक आंख से दिखना बंद होना, मुंह टेढ़ा होना, बोलने में रुकावट, संतुलन में गड़बड़ी
बचाव के उपाय
0 धूम्रपान और तंबाकू पूरी तरह छोड़ें
0 रक्तचाप और शुगर को नियमित रूप से नियंत्रित रखें
0 स्वस्थ और संतुलित आहार लें
0 नियमित व्यायाम करें
0 नियमित जांच कराते रहें, खासकर 50 वर्ष की उम्र के बाद
0 कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रखे
यह मामला न केवल चिकित्सा दृष्टि से सराहनीय है, बल्कि आमजन में जागरूकता लाने का भी उदाहरण है कि समय पर जांच और इलाज से गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है।
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