(रायपुर) रायपुर रेलवे स्टेशन पर कुलियों का विरोध जारी

  • 06-Oct-25 10:27 AM

0 बैटरी वाहन सेवा को बताया आजीविका पर हमला
रायपुर, 06 अक्टूबर (आरएनएस)। रायपुर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए शुरू की जा रही बैटरी चालित वाहन सेवा को लेकर लाइसेंसी कुलियों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को बड़ी संख्या में कुली प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर इक_ा होकर प्रदर्शन करते नजर आए। उनका कहना है कि यह सुविधा उनके पारंपरिक कार्य और आजीविका के लिए बड़ा खतरा बन गई है। रेलवे लाइसेंसी पोर्टर्स मजदूर सहकारी संस्था मर्यादित, रायपुर के बैनर तले हो रहे इस विरोध प्रदर्शन में कुलियों ने रेलवे प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक ओर तो रेलवे आधुनिकीकरण और निजीकरण की बात कर रहा है, वहीं दूसरी ओर इसका खामियाजा उन्हें अपनी रोजी-रोटी गंवाकर भुगतना पड़ रहा है। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि बैटरी चालित वाहनों की नि:शुल्क सेवा उपलब्ध होने के बावजूद यात्रियों से प्रति व्यक्ति ?50 और प्रति सामान ?30 लिए जा रहे हैं, जो सीधे तौर पर ठेकेदारी के माध्यम से निजी कंपनी को फायदा पहुंचा रहा है। इससे न केवल उनका कार्यक्षेत्र सीमित हो रहा है, बल्कि आर्थिक रूप से भी वे बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।
रेलवे द्वारा पहले दिए गए आश्वासन अधूरे
कुलियों ने आरोप लगाया कि रेलवे ने पूर्व में उनके लिए कई सामाजिक सुरक्षा उपायों की घोषणा की थी, जैसे – बच्चों को रेलवे स्कूलों में मुफ्त शिक्षा, परिवार को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा, साल में चार वर्दियां और विश्राम के लिए आधुनिक सुविधा वाले रेस्ट हाउस – लेकिन इनमें से कोई भी सुविधा अभी तक धरातल पर नहीं उतरी है। कुलियों ने यह भी बताया कि वे पहले ही 22 सितंबर को मंडल रेल प्रबंधक को ज्ञापन सौंप चुके हैं, जिसमें निविदा रद्द करने और उनके रोजगार को सुरक्षित रखने की मांग की गई थी। शुरू में उन्हें भरोसा दिलाया गया कि उनके हितों का ध्यान रखा जाएगा, लेकिन बाद में स्थिति स्पष्ट नहीं की गई।
आंदोलन को मिल रहा राजनीतिक समर्थन
कुलियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे छत्तीसगढिय़ा क्रांति सेना और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के साथ मिलकर अपनी लड़ाई को तेज करेंगे। वे शांतिपूर्ण आंदोलन, धरना, प्रेस वार्ता और ज्ञापन के माध्यम से रेलवे प्रशासन पर दबाव बनाएंगे।
कुलियों की प्रमुख मांगें:
बैटरी चालित वाहनों की निविदा को तत्काल रद्द किया जाए
पारंपरिक कार्य पर लगे कुलियों को रोजगार का संरक्षण दिया जाए। यदि आधुनिक सेवा जारी रखनी है, तो 2003 की तर्ज पर कुलियों को रेलवे में समायोजित किया जाए। पूर्व में घोषित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को शीघ्र लागू किया जाए। फिलहाल, रेलवे प्रशासन की ओर से इस विरोध पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन कुलियों का विरोध आने वाले दिनों में और व्यापक रूप ले सकता है।
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