(रायपुर) लोन दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले 6 गिरफ्तार

  • 04-Apr-25 01:57 AM

रायपुर, 04 अप्रेल (आरएनएस)। राजधानी की कोतवाली थाना पुलिस ने 250 से अधिक लोगों को लोन दिलाकर उनके लोने की आधी रकम को अपने फर्म में जमा करवाकर लोगों से करोड़ों रूपयों की ठगी करने वाले फर्म आरवी ग्रुप के खिलाफ  वित्तीय धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। मामले में पुलिस ने दो महिलओं सहित 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने राजधानी रायपुर के डीएम प्लाजा स्थित आरवी ग्रुप एवं स्पाश एडवाईजर प्राईवेट लिमिटेड द्वारा की गई व्यापक वित्तीय धोखाधडी का खुलासा किया है। इस मामले में मुख्य आरोपी अभय कुमार गुप्ता (उर्फ अमयकांत गुप्ता) सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस धोखाधड़ी में 250 से अधिक लोगों को फर्जी लोन स्कीम में फंसाकर करोड़ों की ठगी की गई। जिससे कुल ठगी की राशि 50 करोड़ रुपये से अधिक होने की संम्भावना है। उक्त कार्यवाही एक पीडि़त व्यक्ति द्वारा शिकायत किये जाने के बाद की गई। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने पहले लोन दिलाने के नाम पर उनके दस्तावेज एकत्र किए और बैंक के साथ सांठगांठ कर उसके नाम पर 72,15,399 रुपये के लोन मंजूर करवाए और 50 प्रतिशत रकम निवेश के नाम पर अपने फ र्म में जमा करवा ली और बाद में, उन्हें आश्वासन दिया गया कि लोन की 50 प्रतिशत राशि आरवी ग्रुप फ र्म में निवेश करने पर उनकी ईएमआई फ र्म द्वारा स्वत: भरी जाएगी। शुरू में कुछ महीनों तक मासिक किस्तें जमा कर विश्वास बढ़ाया गया, लेकिन बाद में भुगतान रोक दिया और ग्राहकों के फ ोन कॉल और शिकायतों को अनदेखा किया गया। उपरोक्त प्रकरण को पुलिस महानिरीक्षक रायपुर अमरेश मिश्रा, उमनि एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, रायपुर  डॉ लाल उमेद सिंह द्वारा गंभीरता से लेते हुये तत्काल आरोपीगणो की पता तलाश एवं गिरफ्तारी किये जाने हेतु टीम गठित कर संभावित स्थानो पर टीम रवाना की जिसके फलस्वरुप आरोपीगण जो कि गबन कर विदेश भागने की फिराक में थे, पुलिस की गिरफ्त में आ गये। आरोपियों द्वारा इसी प्रकार से 250 से अधिक लोगों से ठगी की गई है।
पुलिस ने अब तक अभय कुमार गुप्ता, सुरेंद्र सिंह करियाम, मनोज कुमार भगत, रागिब हुसैन, विभा वर्मा और पूजा यादव को गिरफ्तार कर लिया, जिनसे पूछताछ मे अन्य आरोपीगणो के संलिप्त होने की जानकारी प्राप्त हुई है, जिनकी तलाश की जा रही है।
पुलिस ने आरवी ग्रप और उसके पार्टनर संस्थानों के कार्यालयों से महत्वपूर्ण दस्तावेज, बैंक ट्रांजेक्शन डिटेल और निवेश संबंधी जानकारी जब्त की है। जांच से यह भी पता चला कि यह धोखाधड़ी छत्तीसगढ़ के निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 10 का भी उल्लंघन है, जिसके उक्त अपराध में धारा जोड़ी गयी है।
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