
(रायपुर) शराब घोटाला मामला: चैतन्य बघेल 13 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में, 8 अक्टूबर को होगी जमानत याचिका पर सुनवाई
- 06-Oct-25 02:06 AM
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रायपुर, 06 अक्टूबर (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में गिरफ्तार किए गए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद सोमवार को एसीबी-ईओडब्ल्यू की विशेष अदालत में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें *13 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत* में भेजने का आदेश दिया है। इससे पहले आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने चैतन्य बघेल को 13 दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। रिमांड समाप्त होने के बाद उन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। चैतन्य बघेल की ओर से कोर्ट में *जमानत याचिका* भी दाखिल की गई है, जिस पर *8 अक्टूबर को सुनवाई* निर्धारित की गई है। सुनवाई के दौरान उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी अदालत पहुंचे और बेटे से मुलाकात की। उन्होंने अपने बेटे और कानूनी टीम से मामले की जानकारी ली। बचाव पक्ष के वकील फैज़ल रिज़वी ने बताया कि चैतन्य बघेल को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है और अब अगली सुनवाई में बेल पर फैसला होगा। ईडी की जांच में 16.70 करोड़ रुपये की अवैध कमाई का खुलासा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चैतन्य बघेल को *18 जुलाई को उनके जन्मदिन पर* भिलाई स्थित आवास से मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत गिरफ्तार किया था। यह मामला एसीबी/ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर आगे बढ़ाया गया, जिसमें आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराएं भी शामिल हैं। ईडी की जांच में यह सामने आया है कि चैतन्य बघेल को शराब घोटाले से *करीब 16.70 करोड़ रुपये* की नकद राशि प्राप्त हुई। आरोप है कि इस रकम का इस्तेमाल उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों में किया। ईडी के अनुसार, इस धन से उनके प्रोजेक्ट्स में ठेकेदारों को नकद भुगतान किया गया और नकद बैंक ट्रांजैक्शन्स के जरिए इसे वैध दिखाने का प्रयास किया गया। जांच में यह भी पाया गया कि चैतन्य ने कारोबारी *त्रिलोक सिंह ढिल्लों* के साथ मिलकर एक रणनीति तैयार की थी। इस योजना के तहत विठ्ठलपुरम प्रोजेक्टर में ढिल्लों के कर्मचारियों के नाम पर फ्लैट खरीद का दिखावा किया गया, जिसके जरिए चैतन्य को लगभग *5 करोड़ रुपये* की राशि अप्रत्यक्ष रूप से प्राप्त हुई। ईडी को बैंकिंग लेन-देन से जुड़े साक्ष्य भी मिले हैं, जो दिखाते हैं कि ढिल्लों को शराब सिंडिकेट से भुगतान प्राप्त हुए थे। फिलहाल चैतन्य बघेल रायपुर की जेल में न्यायिक हिरासत में हैं और मामले की अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को होनी है, जिसमें जमानत पर फैसला लिया जाएगा। इस केस पर पूरे प्रदेश की नजरें टिकी हैं क्योंकि यह राज्य के सबसे बड़े आर्थिक घोटालों में से एक माना जा रहा है।
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