(रायपुर) श्री रामचंद्र स्वामी जैतूसाव मठ की ट्रस्ट भूमि पर गंभीर अनियमितताएं, जांच समिति गठित
- 09-Jul-25 05:50 AM
- 0
- 0
रायपुर, 09 जुलाई (आरएनएस)। श्री रामचंद्र स्वामी जैतूसाव मठ, ग्राम धरमपुरा की ट्रस्ट भूमि को लेकर हुए संदिग्ध नामांतरण और भूमि बिक्री के मामले में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। इस मामले में रायपुर संभाग आयुक्त महादेव कावरे ने जांच समिति का गठन कर दिया है। यह मामला 15 जुलाई 1989 के नामांतरण से जुड़ा है, जिसमें कथित रूप से जालसाजी कर मठ की जमीन बेची गई और उसकी राशि का गबन किया गया।
मठ के महंत राम आशीष दास ने राज्य शासन, संभागायुक्त और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी। उन्होंने बताया कि मठ के नाम पर रायपुर के सेजबहार क्षेत्र में लगभग 92 एकड़ अत्यंत मूल्यवान भूमि है, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 300 करोड़ रुपये है। महंत का आरोप है कि वर्ष 2000 में इस भूमि के 29 एकड़ हिस्से को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बेचा गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए रायपुर संभाग आयुक्त ने उपायुक्त बी.आर. जोशी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच समिति गठित की है। इस समिति में तहसीलदार राममूर्ति दीवान, लेखाधिकारी पूजा रानी सोरी और अधीक्षक मुन्नालाल टाण्डेय को शामिल किया गया है। समिति को 15 कार्य दिवसों के भीतर अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। महंत राम आशीष दास के अनुसार, वर्ष 1983 में मठ की जमीन की बिक्री के लिए कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर अनुमति ली गई थी। इस पर आपत्ति जताते हुए मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में मामला दाखिल किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप 18 अप्रैल 1984 को कोर्ट ने जमीन की बिक्री पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद, 18 अक्टूबर 1984 को एक अपंजीकृत वसीयतनामा तैयार किया गया, जिसमें 92 एकड़ में से 29 एकड़ जमीन का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया था। महंत का आरोप है कि इस वसीयत के माध्यम से बाद में अवैध रूप से जमीन की बिक्री की गई। राज्य शासन ने इसे धार्मिक आस्था और सार्वजनिक संपत्ति से जुड़ा गंभीर मामला मानते हुए जांच प्रक्रिया को तेज कर दिया है।
बंछोर
000
Related Articles
Comments
- No Comments...