(रीवां)देवेन्द्र बसपा, प्रीति व सीमा सपा से, पंचूलाल हो सकते हैं निर्दलीय, नहीं मिली टिकट तो ऐन वक्त पर बदल ली पार्टी
- 25-Oct-23 12:00 AM
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-जिस तरह से पार्टी छोड़कर बगावत की जा रही है उससे सत्ताधारी दल भाजपा को नुकसान हो सकता हैरीवा 25 अक्टूबर (आरएनएस)। नसीहत का पाठ पढ़ाने वाली कांग्रेस ही नहीं भाजपा में टिकट वितरण के बाद असंतोष का ज्यालामुखी भड़क उठा। नेताओं ने अपने मन्सूबे सफल होता न देखकर ऐन वक्त पर पुरानी पार्टी को टाटा- बाग-बाय कहते हुए नई पार्टी को न केवल किया बल्कि उसी क्षेत्र से टिकट भी लाने में सफल हो गए। देवतालाय त्योंगर, मनगवां, सेमरिया में दोनों ही बड़े राष्ट्रीय दल में टिकट को लेकर असंतोष व्याप्त है।देवतालाब से तो पुनर्विचार की भी मांग उठ चुकी है। टिकट वितरण को अनुचित करार देते हुए न केवल कांग्रेस बल्कि भाजपा के विधायक ने आहत होकर अपने व अपनी पत्नी के नाम से नामांकन पत्र तक खरीद लिया है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि देवतालाब विधानसभा सीट से आखिरी समय तक टिकट मिलने की उम्मीद लगाये बैठेदवार सिंह ने अपनी पत्नी सीमा के साथ सपा का दामन थामा और एक टिकट लाने में सफल भी रहे।वहीं दूसरी तरफ इंजी प्रीति वर्मा मनगवां तथा त्योंपर विधानसभा सीट से देवेन्द्र सिंह ने बसपा से अपनी दावेदारी जता दी है। कांग्रेस तथा भाजपा की ओर से उम्मीदवारों की तस्वीरें साफ होने के बाद से पहले पुनविचार फिर त्याग पत्र और पार्टी बदलने का सिलसिला बीते 48 घंटे से रीवा तथा मऊगंज जिले में बदस्तूर है।दावेदारों की अंतिम सूची आने के बाद सबसे ज्यादा शोर-शराबा परिवर्तन की यार लाने वाली कांग्रेस पार्टी में ही देखने को मिल रहा है। रीवा की बेटी कही जाने वाली कविता पाण्डेय, कांग्रेस के कार्यालय मंत्री प्रदीप सोहगौरा, मनगवां की कांग्रेस नेत्री इंजी, प्रीति वर्मा ने जमकर नाराजगी जाहिर की, जिसमें कविता पाण्डेय तथा प्रदीप सोहगौरा ने अपने आलाकमान को चि_ी लिखकर पार्टी द्वारा दिए गए सभी तरह के दामों से मुंह मोडऩे का ऐलान मीडिया में किया है।वहीं दूसरी तरफ त्योंथर तथा सेमरिया में भी बगावती सुर लगातार बने हुए है। हलांकि रीवा से भी कांग्रेस के भीतर नाराजगी का लावा सुलग रहा है। परिवर्तन का राग अलापने वाली कांग्रेस पाटी में टिकट वितरण के बाद बड़ी उठा-पटक का सिलसिला अभी भी बना हुआ है। बताया जा रहा है कि देवतालाब विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से हवाई दावेदार के राजनैतिक मानचित्र में उभर जाने के बाद से स्थानीय कांग्रेसी इस बात को लेकर जमकर होमचा रहे है कि एक सारत से आखिर सर्वेव वन टू वन का आखिर क्या मतलब निकला। बताया जा रहा है कि देवतालाब त्योचर क्षेत्र से नाराज कांग्रेसियों ने कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मन कमलनाथ को विरोध जताते हुए चि_ी भी विधानसभा भेजते हुए पुर्नविचार की मांग की है।दो दशक से ज्यादा समय से अपनी- अपनी पार्टी का झंडा बुलंद करते हुए टिकट की बाट जोह रहे दावेदारों के जब मन्सू सफल नहीं हुए तो बगावत का होना काफी हद तक लाजिमी भी है। अब इस बगावत से बड़े दोनों राष्ट्रीय दल को नुकसान होने की प्रबल संभावना है। राजनीति के जानकारों की समझे तो इस तरह के राजनैतिक बवंडर के बाद छत्रों को विभिन्न राजनैतिक दल अपना झंडा पकड़ा कर दांव खेलने में सफल हो जाते हैं।फूट-फूट कर रोए पंचूभाजपा से विधानसभा चुनाव को लेकर त्योथर तथा मनगवां विधानसभा के विधायकद्वय खासा नाराज है। दोनों में ही पार्टी आलाकमान को चिट्टी लिखकर नाराजगी जाहिर कर दी है। सोमवार को तो मनगवां विधानसभा सीट से विधायक पंदूलाल प्रजापति ने बकायदा पत्रकार वार्ता बुलाई और मीडिया के सामने अपना दर्द फूट-फूट कर रोते हुए बया किया। एक घंटे के दौरान हुए तीन बार से भी ज्यादा समय तक आंखों में आंसू लिए मीडिया के सामने अपनी बात रखते रहे। वहीं उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अपने तथा अपनी पत्नी पत्राचाई के नाम से फार्म खरीद लिया है, यदि पार्टी आलाकमान ने पुर्नविचार न किया तो चुनाव निर्दलीय रूप से लड़ा जाएगा। मनगवां विधायक द्वारा दी गई इस चेतावनी से भाजपा किस तरह निपटती है यह आने वाला समय ही बतायेगा।
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