(रीवां)पुलिस की करते है जम कर चम्मच गिरी और सेटिंग कर के कमाते है पैसा ईमानदार पत्रकार से पुलिस भी बात नहीं करना चाहती क्योंकि इनसे कुछ फायदा नहीं होता उनको

  • 03-Jul-25 12:00 AM

-रीवा में फर्जी यू-ट्यूबर और पत्रकारों की बढ़ती संख्या, प्रशासन पर सवालरीवा 3 जुलाई (आरएनएस)। रीवा में बेरोजगारी के चलते एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है, जहां कुछ लोग फर्जी यू-ट्यूबर और पत्रकार बनकर सरकारी विभागों से वसूली करने में लगे हुए हैं। इन लोगों ने अपने आप को यू-ट्यूबर और पत्रकार बताकर सरकारी अधिकारियों से संपर्क करना शुरू कर दिया है और उनसे पैसे ऐंठने की कोशिश कर रहे हैं।इन फर्जी यू-ट्यूबर और पत्रकारों ने अपने आप को आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के साथ फोटो खिंचवाकर अपनी धौंस जमाने की कोशिश की है और इससे उनकी वसूली की रकम बढ़ जाती है। कई विभागों के अधिकारी अपनी कमी को यूट्यूब पर देख मांगी गई रकम की भी पूर्ति कर देते हैं जिससे इन फर्जी यू-ट्यूबर के मुंह खून लग जाता है और उनकी वसूली की दुकानदारी चल पड़ती है।इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन फर्जी यू-ट्यूबर और पत्रकारों को कौन दे रहा है बढ़ावा? क्या कलेक्टर साहब और जनसंपर्क विभाग के अधिकारी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं? पुलिस विभाग ने भी बिना किसी के चरित्र प्रमाणपत्र के सत्यापन के दो हजार की माइक और दो सौ की आईडी बनवाकर क्या लूट चलती रहेगी?रीवा में पत्रकारों की बढ़ती संख्या ने एक नया संकट खड़ा कर दिया है, जहां असली और नकली पत्रकारों की पहचान करना मुश्किल हो गया है। जनसंपर्क सहित कई विभागों के लोग इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं और जनता को जबाव देने से बच रहे हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और फर्जी यू-ट्यूबर और पत्रकारों पर लगाम कसने के लिए क्या कदम उठाता है।




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment