(रीवां)सेमरिया के दो दिग्गज अभय और केपी ने आज भरा नामांकन पत्र

  • 25-Oct-23 12:00 AM

रीवा 25 अक्टूबर (आरएनएस)। एक ने कहा जली रोटी पलटी जाएगी, तो दूसरे ने विरोधी प्रत्याशी को बताया गिरगिट और बंदर।क्रद्ग2ड्ड हृद्ग2ह्य : शुरू से कहा जा रहा है कि इस बार रीवा जिले की आठ विधानसभा में सेमरिया विधानसभा का चुनाव बहुत रोचक होने वाला है। इसकी शुरुआत नामांकन पत्र दाखिल करने के साथ ही हो गई। पर्चा भरने पहुंचे प्रत्याशियों से जब मीडिया के लोगों ने बात की तो वह भी हंसकर दंग रह गए। आइए जाने किसने कैसे भरा पर्चा। विरोधी प्रत्याशियों पर किसने कैसे साधा निशाना। किसका कैसा रहा शक्ति प्रदर्शन।-अभय मिश्रा पहुंचे पर्चा भरनेकांग्रेस पार्टी से सेमरिया के लिए विधायकी का टिकट लाने में अभय मिश्रा सफल हो गए। वह कांग्रेस को भरोसा दिलाने में सफल रहे कि अगर उन्हें टिकट मिलती है तो वह पार्टी को सफलता दिलाने से नहीं चूकेंगे। कांग्रेस पार्टी ने भी उनका भरोसा माना और टिकट जारी कर दिया। अभय मिश्रा महानवमी सोमवार के दिन अपने जलवा जुलूस के साथ पर्चा दाखिल करने रीवा कलेक्ट्रेट पहुंच गए।मीडिया कर्मियों ने बात की तो वह अपनी जीत से आस्वस्थ दिखे। उन्होंने एक पुरानी कहावत कह दी। Óपान क्यों सड़ा, घोड़ा क्यों रुका और रोटी क्यों जली क्योंकि पलटी नहीं गईÓ। यह कहावत है जिसका उपयोग आज अभय मिश्रा ने किया। अभय मिश्रा ने इस कहावत के माध्यम से विरोधी प्रत्याशी से लेकर सेमरिया का हाल बयान करने का प्रयास किया है।हालांकि व्यक्तिगत तौर पर वह किसी को कुछ कहने से बचते रहे। पत्रकारों द्वारा वर्तमान विधायक को लेकर कई सवाल भी किए गए लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा। केवल इशारों इशारों में ही कटाक्ष करते रहे। पूरे लाव लश्कर के साथ अभय मिश्रा कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपना नामांकन दाखिल कर दिया।-जुलूस के साथ पहुंचे केपी त्रिपाठीसेमरिया से विधायक पद का पर्चा भरने केपी त्रिपाठी पूरे जुलूस के साथ कलेक्ट्रेट पहुंच गए। जुलुस था तो जयकारा होना ही था। कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपना नामांकन दाखिल कर दिया। फिर क्या था पत्रकारों को मौका मिला और वह जली रोटी की चर्चा करने लगे।पत्रकारों ने कहा की जली रोटी पलटी जाएगी जिस पर केपी त्रिपाठी ने कहा की वही जली रोटी हैं और बंदर की तरह इधर-उधर उछल कूद कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब तो गिरगिट भी आत्महत्या करने की सोच रहे हैं। उनकी अदला बदली देखकर गिरगिट इसे अपना अपमान समझा रहे हैं।केपी त्रिपाठी ने अपने विधायकी कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाने से नहीं चूके। बसामन मामा से लेकर पूर्वाफाल, सड़कों का जाल, पुलों का निर्माण, गौ अभ्यारण सब कुछ गिना डाला। लेकिन बेरोजगारी और उद्योग के लिए कोई चर्चा नहीं की। गो अभ्यारण के बाद भी सेमरिया क्षेत्र में आवारा पशुओं की पूरी फौज है। शायद इस पर भी चर्चा होनी चाहिए थी।




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