(रुड़की)आज सर्वपितृ अमावस्या पर सभी पितृगणों का श्राद्ध
- 01-Oct-24 12:00 AM
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रुड़की,01 अक्टूबर (आरएनएस)। श्राद्ध पक्ष में पितरों के तर्पण के लिए श्रद्धापूर्वक किया गया श्राद्ध फलदाई होता है। श्रद्धापूर्वक श्राद्ध करने से पितृपक्ष खुश होकर सुख शांति का वरदान देते हैं। दो अक्तूबर को सर्वपितृ अमावस्या को भूले बिसरे सभी पितृगणों का श्रद्धा पूर्वक श्राद्ध करना चाहिए। श्राद्ध का शुभारंभ महाभारत काल से बताया गया है। कस्बे में स्थित शिव मंदिर के पंडित वीरेंद्र शास्त्री ने श्राद्ध करने के नियमों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि श्राद्ध 16 दिन के होते हैं। इन दिनों में अपने-अपने पितृ देव का श्रद्धा से श्राद्ध करना चाहिए अपने पितृ का श्राद्ध करते समय दूध से बनी खीर पितरों के नियमित अवश्य निकालना चाहिए। जिसे पितृ प्रसन्न होते हैं दो अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या है। अगर किसी को अपने किसी पितृ की तिथि याद नहीं रहती है तो अमावस्या को श्रद्धा से श्राद्ध निकालकर उनका तर्पण किया जाता है।
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