(रुद्रप्रयाग)पुंडेश्वर महादेव मंदिर में कलश यात्रा के साथ श्रीमद देवी भागवत कथा शुरू

  • 06-Feb-25 12:00 AM

रुद्रप्रयाग,06 फरवरी (आरएनएस)। मुख्यालय स्थित पुंडेश्वर मंदिर पुनाड़ में 9 दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का वैदिक मंत्रोचार के साथ शुभारंभ हो गया। इस मौके पर अलकनंदा तट से भव्य जल कलश यात्रा निकाली गई। कथा का समापन 14 फरवरी को किया जाएगा। परंपरा अनुसार पुनाड़ स्थित पुंडेश्वर महादेव मंदिर में हर तीसरे साल श्रीमद् देवी भागवत एवं शिव महापुराण आयोजित किया जाता है, जिसमें क्षेत्र के सात गांव के लोग शामिल होते हैं। पंचायती आयोजन को लेकर ग्रामीण उत्साह के साथ इस धार्मिक अनुष्ठान में शामिल हो रहे हैं। गुरुवार को कथा का विधिवत्त शुभारंभ कर दिया गया। ब्राह्मणों द्वारा भद्र के साथ ही कलश पूजा की गई। जबकि स्थानीय देवी देवताओं की पूजा की गई। इससे पहले अलकनंदा के तट से 101 कलश लेकर स्थानीय महिला एवं भक्तों ने कलश यात्रा निकाली। कलश यात्रा मुख्य बाजार से होते हुए मंदिर पर कर पहुंची जहां कलश पूजन के साथ उन्हें कथा मंडप पर स्थापित किया गया। विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना के बाद कथा का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर कथा व्यास आचार्य प्रशान्त डिमरी (साहित्य एवं वेदाचार्य) ने कहा कि देवी भागवत महापुराण सुनने से मनुष्य सभी कष्टों से पार पाता है। उन्होंने मां भगवती जगदम्बा के विभिन्न चरितों की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण पर मां भगवती की विशेष कृपा थी। कथा व्यास ने श्रीमद् देवी भागवत के महत्व एवं इसके आयोजन को लेकर भक्तों को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा इस दिव्य कथा के श्रवण भर से ही भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इसके श्रवण से मन, चित्त और बुद्धि में पवित्रता आती है। इस मौके पर पांडव नृत्य एवं शिव समिति पुनाड़ के अध्यक्ष प्रकाश गोस्वामी, सचिव सुनील नौटियाल, सह सचिव शैलेंद्र गोस्वामी, संरक्षक महेश चंद्र डियून्डी ने नगर के संपूर्ण जनता से आहवन करते हुए कहा कि अधिक से अधिक कथा का श्रवण करने मंदिर परिसर में पहुंचे। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से कथा शुरू होगी। 14 फरवरी को पूर्णहुती के साथ इस धार्मिक अनुष्ठान का समापन किया जाएगा। इस मौके पर विक्रम कप्रवान, रामचन्द्र नौटियाल, चंडी प्रसाद, हरीश कप्रवान, संजय देवली, हरीश गिरी, गोविंद गिरी, प्रकाश सिंह, कुंवर सिंह सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रीय लोग मौजूद थे।




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