(लखनऊ)आरटीआई की 20वीं वर्षगांठ पर कांग्रेस का जोरदार हमला, भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
- 12-Oct-25 12:00 AM
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लखनऊ, 12 अक्टूबर 2025सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून की 20वीं वर्षगांठ के अवसर पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन और पूर्व मंत्री डॉ. सी.पी. राय ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह भ्रष्टाचार और घोटालों की सरकार है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में यूपीए सरकार ने सूचना का अधिकार कानून लाकर देश की जनता को पारदर्शिता और जवाबदेही का मजबूत साधन प्रदान किया था। इस कानून के माध्यम से नागरिकों ने अपने तमाम मसले हल करवाए, लेकिन भाजपा सरकार ने इसे कमजोर कर दिया और तब से जनता को अपने अधिकार के अंतर्गत सूचनाएं प्राप्त नहीं हो पा रही हैं।डॉ. राय ने बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को सार्वजनिक प्राधिकरणों के पास मौजूद जानकारी तक पहुँच प्रदान करना था, ताकि शासन प्रणाली अधिक पारदर्शी और जवाबदेह हो। यह कानून विशेष रूप से समाज के हाशिए पर बसे लोगों के लिए जीवनरेखा साबित हुआ और उन्हें राश, पेंशन, बकाया मजदूरी और छात्रवृत्तियों जैसी बुनियादी जरूरतों तक पहुँच प्रदान की।उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से आरटीआई लगातार कमजोर हो रही है। 2019 के संशोधनों ने आयोगों की स्वायत्तता कम कर दी और कार्यपालिका का प्रभाव बढ़ाया। डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन अधिनियम ने धारा 8(1)(प) में संशोधन कर व्यक्तिगत जानकारी की परिभाषा बढ़ा दी, जिससे सार्वजनिक धन और कर्तव्यों से जुड़ी जानकारी के खुलासे में बाधा आई।डॉ. राय ने केंद्रीय और राज्य सूचना आयोगों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सूचना आयोग आज अपनी सबसे कमजोर स्थिति में है, केवल दो आयुक्त कार्यरत हैं और मुख्य आयुक्त का पद भी रिक्त है। देश भर में लंबित अपीलें और शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि आरटीआई का उपयोग करने वाले नागरिकों और कार्यकर्ताओं पर हमले और धमकियां भी बढ़ी हैं। व्हिसल ब्लोअर्स प्रोटेक्शन अधिनियम पारित होने के बावजूद लागू नहीं किया गया, जिससे सुरक्षा की कमी है।आरटीआई की 20वीं वर्षगांठ पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने सरकार से मांग की कि 2019 के संशोधनों को निरस्त कर आयोगों की स्वतंत्रता बहाल की जाए, डिजिटल डेटा अधिनियम की संबंधित धाराओं में संशोधन किया जाए, आयोगों में सभी रिक्तियां समयबद्ध तरीके से भरी जाएं, कार्य निष्पादन मानक तय किए जाएं और निपटान दर की सार्वजनिक रिपोर्टिंग सुनिश्चित की जाए। साथ ही व्हिसल ब्लोअर्स की सुरक्षा लागू की जाए और आयोगों में विविधता सुनिश्चित की जाए।डॉ. राय ने कहा कि आरटीआई आधुनिक भारत के सबसे महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक सुधारों में से एक है। इसकी कमजोरी लोकतंत्र की कमजोरी है। कांग्रेस इस कानून की रक्षा और सशक्तिकरण के संकल्प को दोहराती है ताकि हर नागरिक निडर होकर सवाल पूछ सके और समयबद्ध व प्रभावी उत्तर प्राप्त कर सके।इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. सुधा मिश्रा ने महिला पत्रकारों के अधिकारों पर किए गए रोक-टोक के मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। प्रेसवार्ता में मीडिया विभाग के वाइस चेयरमैन मनीष श्रीवास्तव, प्रवक्ता डॉ. उमाशंकर पाण्डेय, आरटीआई विभाग के चेयरमैन पुष्पेन्द्र श्रीवास्तव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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