(लखनऊ)उत्तर प्रदेश में भारत पशुधन ऐप पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
- 08-Oct-25 12:00 AM
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लखनऊ 8 अक्टूबर (आरएनएस)। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह की अध्यक्षता में आज राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बख्शी का तालाब, लखनऊ में नेशनल डिजिटल लाइव स्टॉक मिशन के अंतर्गत विकसित भारत पशुधन ऐप के समुचित उपयोग पर एक दिवसीय व्यवहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य पशुपालकों और अधिकारियों को ऐप के उपयोग और आंकड़ों के डिजिटल अभिलेखन की प्रक्रिया में दक्ष बनाना था।पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने इस अवसर पर कहा कि भारत पशुधन ऐप के माध्यम से पशुओं और पशुपालकों का पंजीकरण, प्रजनन और स्वास्थ्य संबंधी आंकड़ों का डिजिटल अभिलेखन किया जा रहा है। ऐप में एआई और मशीन लर्निंग के उपयोग से आंकड़ों का अध्ययन और विश्लेषण कर उचित योजना निर्माण में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि ऐप के जरिए पशुओं का चिन्हांकन भी किया जाएगा, जिससे उच्च क्षमता वाले जर्म प्लाज्म पशुओं की उपलब्धता के बारे में वास्तविक समय में जानकारी प्राप्त होगी। इसके अलावा पशु रोग, टीकाकरण और कृत्रिम गर्भाधान जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियों के आंकड़े भी रियल टाइम उपलब्ध होंगे।इस अवसर पर महानिदेशक पं0 दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम विकास संस्थान, एल वेंकटेश्वर लू ने डिजिटल डेटा बेस की महत्ता बताते हुए प्रशिक्षणार्थियों को पूर्ण मनोयोग से ऐप पर आंकड़ों का अंकन सुनिश्चित करने का आह्वान किया। प्रमुख सचिव पशुधन मुकेश कुमार मेश्राम ने भी प्रशिक्षणार्थियों को ऐप और डिजिटल डाटाबेस के महत्व से अवगत कराते हुए अधिक से अधिक आंकड़े अंकित करने के लिए प्रेरित किया।एन.डी.एल.एम. ग्रुप और एन.डी.डी.बी. से आए प्रशिक्षक नवीन सिंह एवं डॉ. जिगर रावल ने भारत पशुधन ऐप के एडमिन मॉड्यूल, एनिमल ब्रीडिंग मॉड्यूल और एनिमल हेल्थ मॉड्यूल के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विशेष सचिव पशुधन देवेन्द्र पाण्डेय ने भी डिजिटल अभिलेखन की प्रक्रिया पर प्रशिक्षण दिया।प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभाग के निदेशक, प्रशासन एवं विकास डॉ. योगेन्द्र सिंह पवार और मुख्य कार्यकारी, उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद डॉ. प्रमोद कुमार सिंह ने प्रतिभागियों से समयबद्ध तरीके से ऐप पर सूचनाएं अंकित करने की अपेक्षा व्यक्त की। कार्यक्रम में प्रदेश के सभी जनपदों से नामित नोडल अधिकारी, कम्प्यूटर ऑपरेटर्स, पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, मिल्क प्रोड्यूसर कंपनियां, एन.जी.ओ. और अन्य प्रतिनिधियों ने भाग लिया।मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि इस पहल से न केवल पशुपालन के क्षेत्र में डिजिटल अभिलेखन को सुदृढ़ किया जाएगा, बल्कि योजना निर्माण और पशु स्वास्थ्य प्रबंधन में भी नई दिशा मिलेगी। यह कार्यक्रम पशुपालकों, अधिकारियों और संबंधित संस्थाओं को आधुनिक तकनीक के माध्यम से दक्ष बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
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