(लखनऊ)उत्तर प्रदेश में मिशन शक्ति 5.0 एवं सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों की जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन
- 26-Sep-25 12:00 AM
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लखनऊ, 26 सितंबर (आरएनएस ) उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों में मिशन शक्ति 5.0 और सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत व्यापक स्तर पर कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा, अधिकारों और आर्थिक सशक्तिकरण से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम एवं कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले लैंगिक उत्पीडऩ को रोकने, प्रतिषेध सुनिश्चित करने और कामकाजी महिलाओं के वित्तीय व कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाना था। इन आयोजनों में लगभग 50,000 प्रतिभागियों ने प्रत्यक्ष रूप से हिस्सा लिया। इनमें सरकारी और निजी कार्यालयों के अधिकारी, कर्मचारी, महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्याएँ, कॉलेज एवं विश्वविद्यालय की छात्राएँ, अधिवक्ता, श्रमिक संगठन और स्थानीय समुदाय के प्रतिनिधि शामिल रहे।उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित मिशन शक्ति 5.0 का प्रमुख उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना है। कार्यक्रमों में विशेषज्ञों ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीडऩ की रोकथाम अधिनियम, 2013 के प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की। अधिनियम में किसी भी प्रकार के शारीरिक, मौखिक या गैर-मौखिक आचरण को महिला की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाला मानते हुए यौन उत्पीडऩ की श्रेणी में रखा गया है। दस से अधिक कर्मचारियों वाले प्रत्येक संगठन में आंतरिक शिकायत समिति का गठन अनिवार्य है, जबकि अन्यत्र जिला स्तर की समिति शिकायतों की सुनवाई करती है। शिकायत दर्ज करने की समय-सीमा तीन महीने है, जिसे आवश्यक होने पर बढ़ाया जा सकता है। किसी भी शिकायत पर 90 दिनों के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत करना आवश्यक है।कार्यक्रमों में कार्यरत महिलाओं के वित्तीय और कानूनी अधिकारों पर भी जोर दिया गया। मातृत्व अवकाश, समान कार्य हेतु समान वेतन का अधिकार, कार्यस्थल पर स्वास्थ्य और सुरक्षा, श्रमिक कानूनों के तहत महिलाओं की विशेष सुरक्षा तथा वित्तीय साक्षरता, बैंकिंग और बीमा योजनाओं तक पहुँच जैसे विषयों पर विशेष सत्र आयोजित किए गए। विशेषज्ञों ने आर्थिक सशक्तिकरण को वास्तविक सुरक्षा का आधार बताया।महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने इस अवसर पर कहा कि मिशन शक्ति 5.0 केवल योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं है, बल्कि यह सतत सामाजिक परिवर्तन का अभियान है। उनका कहना था कि हर कार्यस्थल महिलाओं के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक होना चाहिए और समाज को जिम्मेदारी लेकर इस परिवर्तन में सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए।विभाग ने यह भी संकल्प लिया कि आगामी महीनों में प्रत्येक जिले में नियमित अंतराल पर संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। नियोक्ताओं और संगठनों को उनकी जिम्मेदारियों के प्रति उत्तरदायी बनाया जाएगा और महिलाओं की कानूनी साक्षरता व वित्तीय जागरूकता बढ़ाने हेतु विशेष अभियान चलाए जाएंगे।उल्लेखनीय है कि विभाग द्वारा 22 सितम्बर 2025 से 25 सितम्बर 2025 तक आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से कुल 3,85,681 व्यक्तियों को जागरूक किया गया, जिसमें 1,65,822 पुरुष/बालक और 2,19,857 महिलाएँ एवं बालिकाएँ शामिल हैं। यह आयोजन मिशन शक्ति 5.0 के व्यापक संकल्प का जीवंत उदाहरण है, जिसमें हर महिला और बच्चा सुरक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर बनकर समाज की मुख्यधारा में सम्मानपूर्वक जीवन जी सके।
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