(लखनऊ)कुशल राजमिस्त्रियों के प्रशिक्षण से ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार व आवास गुणवत्ता में सुधार: उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशानुसार ग्राम्य विकास विभाग सक्रिय

  • 18-May-25 12:00 AM

लखनऊ 18 मई (आरएनएस )उत्तर प्रदेश, 18 मई 2025। उत्तर प्रदेश के माननीय उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व एवं निर्देशन में ग्राम्य विकास विभाग ग्रामीण राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षण देकर और अधिक कुशल, दक्ष एवं हुनरमंद बनाने में जुटा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से न केवल राजमिस्त्रियों के लिए रोजगार के नए अवसर खुल रहे हैं, बल्कि उनकी आय में भी वृद्धि हो रही है। साथ ही, प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण एवं मुख्यमंत्री आवास योजना–ग्रामीण के तहत बनाए जा रहे आवासों की गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय सुधार होगा।ग्राम्य विकास विभाग द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके पुरुष एवं महिलाएं, सर्टिफिकेशन मिलने के बाद बड़े निर्माण स्थल और एजेंसियों में काम करने का मौका पाते हैं, जिससे उनकी कार्यक्षमता का बेहतर उपयोग होता है और उन्हें बेहतर मजदूरी भी मिलती है। विभाग ग्रामीण परिवारों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए लगातार प्रयासरत है।प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण के तहत संचालित रूरल मेसन ट्रेनिंग कार्यक्रम के माध्यम से अब तक लगभग 45 हजार पुरुष राजमिस्त्रियों तथा 7 हजार से अधिक महिला राजमिस्त्रियों (रानी मिस्त्रियों) को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इस पहल से न केवल गांवों के पुरुष बल्कि महिलाएं भी मजबूत एवं गुणवत्तापूर्ण आवास निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं।इस प्रशिक्षण के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में कुशल राजमिस्त्रियों की उपलब्धता बढ़ी है, जिससे निर्माण कार्यों में तेजी आ रही है और रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं। महिलाओं को भी प्रशिक्षण देने की यह योजना महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण के तहत निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने तथा कुशल मिस्त्रियों की उपलब्धता के लिए रूरल मेसन ट्रेनिंग कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। विभाग ऐसे ग्रामीण व्यक्तियों की पहचान करता है जो राजमिस्त्री का प्रशिक्षण लेना चाहते हैं। पहले से काम कर रहे राजमिस्त्रियों को 15 दिन का प्रशिक्षण दिया जाता है, जबकि नए और अप्रशिक्षित उम्मीदवारों को 45 दिन का प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें कुशल मिस्त्री बनाया जाता है।इस पहल से न केवल ग्रामीण आवासों की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि रोजगार एवं कौशल विकास की दिशा में भी एक ठोस एवं स्थायी आधार तैयार होगा।




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