(लखनऊ)कृषि मंत्री ने स्कूलों में आयोजित श्री अन्न निबन्ध प्रतियोगिता के विजेता छात्र-छात्राओं को किया पुरस्कृत
- 29-Oct-23 12:00 AM
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बीजों मिनीकिट का वितरण प्रत्येक दशा में 10 नवम्बर 2023 तक कर लिया जाय - कृषि मंत्रीफसलों में अनिश्चिता से बचने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत फसलों का बीमा समय से पूर्व अवश्य करा लें किसानलखनऊ 29 अक्टूबर (आरएनएस)। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने लखनऊ के स्कूलों में आयोजित श्री अन्न निबन्ध प्रतियोगिता के विजेता छात्र व छात्राओं को पुरस्कार वितरण किया। इसके बाद कार्यक्रम की सफलता हेतु सभी धन्यवाद ज्ञापित करते हुए निर्देशित किया कि मिनीकिट का वितरण प्रत्येक दशा में 10 नवम्बर 2023 तक कर लिया जाय, जिससे कृषक बन्धु फसलों की समय से बुवाई कर सकें। इसके साथ ही कृषक बन्धुओं से आग्रह किया कि फसलों में अनिश्चितता से बचने हेतु प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत फसलों का बीमा समय से पूर्व अवश्य करा लें। उन्होंने किसानों से यह भी अनुरोध किया गया कि वर्तमान कृषि के साथ-साथ खाली बचे कम उर्वर या पानी की कमी वाली भूमि या स्थानों पर श्री अन्न की खेती अवश्य करें क्योंकि एक तरफ श्री अन्न की खेती करने में लागत कम लगती है तो दूसरी ओर सरकार द्वारा धान, गेहूँ की अपेक्षा बाजरा, ज्वार, रागी आदि का न्यूनतम समर्थन मूल्य 300 से 1600 रुपये प्रति कुन्तल तक अधिक है एवं सरकार द्वारा इसके क्रय की सुनिश्चितता की जा रही है जो नि:सन्देह कृषक बन्धुओं के लिए लाभकारी होगा। अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ.देवेश चतुर्वेदी के द्वारा बताया गया कि श्री अन्न के उत्पादन से लेकर एवं विपणन व निर्यात तक के कार्यक्रम की रूपरेखा बनायी गयी है जिसमें प्रदेश के 95 कृषि उत्पादक संगठनों को प्रति इकाई 04 लाख रुपये की सीड मनी सहयोग के रूप में प्रदान किया गया एवं उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम संस्था, उत्तर प्रदेश बीज प्रमाणीकरण संस्था, कृषि विज्ञान केन्द्र के समन्वय से माँग के अनुरूप बीज का उत्पादन करेंगे। कृषक उत्पादक संगठन, कृषि विज्ञान केन्द्र एवं अन्य संस्थाओं के माध्यम से श्री अन्न के उत्पादन का प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग हेतु कृषकों को प्रशिक्षण किया जायेगा जिससे मूल्य संवर्धन कर कृषकगण लाभ कमा सकते हैं। इसके अतिरिक्त श्री अन्न के पौष्टिकता एवं औषधीय गुण को देखते हुए सभी जनपदों में निजी श्री अन्न के स्टॉल खोलने हेतु कृषक उत्पादक संगठनध्निजी क्षेत्र को सहयोग स्वरूप 10 लाख रुपये प्रति इकाई अनुदान प्रदान किया जायेगा। विश्वविद्यालयों एवं शोध संस्थानों श्री अन्न के उत्पादन, प्रसंस्करण, गुणवत्ता वृद्धि एवं विपणन के लिए शोध हेतु सरकार की ओर वित्तीय सहायता भी दी जा रही है। श्री अन्न के निर्यात हेतु एपीडा के सहयोग से विश्व के अन्य देशों से माँग की जा रही है एवं जी-20 के डेलीगेट्स से भी डिमाण्ड हेतु अनुरोध किया गया है।
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