(लखनऊ)गोमती नदी पुल से युवती ने खुदकुशी का किया प्रयास

  • 31-Oct-23 12:00 AM

आटो चालक की मुस्तैदी से बची युवती की जानकाफी देर तक जुटी रही भीड़, पुलिस रही नदारदलखनऊ 31 अक्टूबर (आरएनएस) । राजधानी के 1090 के पास किसी वीआईपी के आगमन की वजह से सड़क पर जगह-जगह पुलिस फोर्स तैनात थी। इसी बीच शाम को करीब पांच बजे पॉलीटेक्निक से एक युवती आटो में सवार होकर 1090 की तरफ आती है। जैसे ही आटो गोमती नदी के पुल के बीचों बीच पहुंचती है वैसे ही युवती आटो रूकवाने के बाद दौड़कर पुल पर चढ़कर कूदने के लिए खड़ी होती है। इसी बीच आटो चालक ने मुस्तैदी दिखाते हुए दौड़ पड़ा और युवती पैर व हाथ पकड़ लिया। आसपास खड़े लोग भी दौड़ पड़े और किसी तरह से युवती पकड़कर बचाया। करीब दस दिन तक युवती कूदने के लिए हंगामा करती रही। इस दौरान लोग उसे पकड़ते रहे। कुछ ही देर में उसके पहचान के लोग आ गये और युवती को पकड़कर अपने साथ गाड़ी लेकर रवाना हो गये। युवती कौन थी और कहां से आयी इसका कुछ पता नहीं चल पाया। यह सारा घटना क्रम पुल के ऊपर होता रहा और लोगों कभी भीड़ जमा रही लेकिन वहीं से कुछ ही दूरी पर तैनात पुलिस इससे अनजान बनी रही।पुल पर मौके पर जुटी भीड़ में शामिल आटो चालक से बात की गई तो बताया कि एक युवती पॉलीटेक्निक से सौ रुपये में आटो बुक करके 1090 की तरह जाने की लिए कहीं। वह आटो लेकर जैसे ही गोमती नदी पुल के ऊपर बीचों बीच में पहुंचा तभी युवती ने रुकने का कहा। युवती आटो से उतरते ही नदी में छलांग लगाने के लिए पुल की रेलिंग पर चढ़ गयी। उसे युवती को नदी में कूदते देखा तो दौड़ पड़ा और उसे किसी तरह से नीचे उतारा। इस बीच उसके परिचित आ गये और कार में किसी तरह से बैठाकर फौरन फरार हो गये। इस दौरान वहां पर मौजूद लोग समझ ही नहीं पाये कि आखिर बिना नंबर प्लेट की कार किसी थी और कैसे उन्हें पता चल गया कि युवती पुल से कूदने वाली है। इस सारी बातों की पुल पर खड़े लोगों में चर्चा रही। वहीं यह सारा वाक्या हो गया और काफी देर तक लोगों की भीड़ पुल पर जमा रही लेकिन वीआईपी ड्यूटी में तैनात पुल के उस पार किसी सिपाही ने घटना के बारे में जानने का कोई प्रयास नहीं किया। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजधानी की पुलिस लोगों की सुरक्षा को लेकर कितना गंभीर है। अगर आटो चालक गंभीरता नहीं दिखाई होती और युवती को पकड़कर जबरदस्ती रेलिंग से उतारा नहीं होता तो युवती कूद जाती और एक और जान चली जाती है। गोमती नदी के इस पुल पर जाल न बने होने के कारण यहां से सुसाइड करना सबसे आसान है। इसके बाद भी पुल पर पुलिस नहीं रहती है। जबकि इस तरह की घटना कभी भी हो सकती है। इसके लिए वहां पर हमेशा बकायदा पुलिस तैनात रहने चाहिए। ताकि इस तरह का कदम उठाने वालों को रोक सके।




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