(लखनऊ)गोरखपुर में सम्भव अभियान: आंगनबाड़ी कार्यकत्री और बाल विकास अधिकारी की मेहनत से कम वजन की बच्ची बनी सुपोषित

  • 26-Sep-25 12:00 AM

गोरखपुर, 26 सितंबर (आरएनएस ) सम्भव अभियान के तहत गोरखपुर जनपद में पोषण संवर्धन के क्षेत्र में कई सफल कहानियां सामने आई हैं। इनमें से एक कहानी ब्लॉक खजनी की ग्राम पंचायत उनौलाखास की है, जहाँ प्रतिभा पत्नी सुरेंद्र कुमार के घर 13 अगस्त 2023 को बच्ची अंतिमा का जन्म हुआ। जन्म के समय अंतिमा का वजन मात्र 2.300 किलोग्राम था। माता-पिता मजदूरी करते हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण गर्भावस्था के दौरान पोषण की उचित देखभाल नहीं हो पाई।आंगनबाड़ी कार्यकत्री मंजू देवी ने जन्म के बाद लगातार गृहभ्रमण कर प्रतिभा को बच्ची की देखभाल और स्तनपान के महत्व के बारे में समझाया। जन्म के 15 दिन बाद जब बच्ची का वजन मापा गया तो यह 2800 ग्राम पाया गया। आंगनबाड़ी कार्यकत्री ने नियमित रूप से हर 15 दिन में घर भ्रमण करते हुए केवल स्तनपान की सलाह दी और बच्ची के पोषण पर ध्यान रखा।आठवीं महीने तक बच्ची केवल मां के दूध पर ही निर्भर रही और 6 महीने पूरे होने पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा अन्नप्राशन का आयोजन किया गया। जन्म से जून 2025 तक अंतिमा कुपोषण (मैम) की श्रेणी में रही। सम्भव अभियान के दौरान बाल विकास परियोजना अधिकारी सुश्री रचना पाण्डेय ने व्यक्तिगत रूप से बच्चे के घर भ्रमण कर पोषण पोटली प्रदान की और माता को स्थानीय और सरल खाद्य पदार्थों से पोषण देने की सलाह दी।नियमित फॉलोअप और एएनएम द्वारा आयरन सिरप देने के साथ 8 सितंबर 2025 तक अंतिमा की लंबाई 85 सेमी और वजन 9.800 किलोग्राम हो गया, और बच्ची सामान्य पोषण श्रेणी में आ गई।इस सफलता के पीछे आंगनबाड़ी कार्यकत्री और बाल विकास परियोजना अधिकारी की लगातार मेहनत और परिवार को स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति जागरूक करने की पहल रही। माता-पिता अब समय पर आंगनबाड़ी केंद्र से पोषाहार और परामर्श प्राप्त कर अन्य माताओं को भी प्रेरित कर रहे हैं।यह कहानी साबित करती है कि यदि आंगनबाड़ी कार्यकत्री समय पर घर-घर जाकर पोषण परामर्श दें, परिवार को प्रोत्साहित करें और स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ें तो कम वजन वाले बच्चों को सुपोषित बनाना संभव है।




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