(लखनऊ)नीति आयोग की पहल पर विकसित यूपी 2047 कार्यशाला में तैयार हो रही उत्तर प्रदेश के समग्र विकास की रणनीति
- 16-Jul-25 12:00 AM
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लखनऊ 16 जुलाई (आरएनएस )भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा विकसित राज्य फॉर विकसित भारत/2047Ó कार्यक्रम के अंतर्गत आज योजना भवन में विकसित यूपी 2047 विषय पर एक उच्चस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक एक विकसित, समावेशी और आत्मनिर्भर राज्य के रूप में स्थापित करने हेतु एक रणनीतिक विकास ब्लू प्रिंट तैयार करना है, जो राज्य के दीर्घकालिक विकास की दिशा को स्पष्ट रूप से निर्देशित करेगा।कार्यशाला की अध्यक्षता नीति आयोग के सदस्य श्री राजीव गौबा एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री वीवीआर सुब्रह्मण्यम ने की। इस दौरान नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों ने विकसित भारत 2047 के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप उत्तर प्रदेश के संभावित विकास मार्गों, प्राथमिकताओं तथा चुनौतियों पर व्यापक चर्चा की। कार्यशाला में प्रदेश के मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह के साथ समस्त विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों जैसे बुनियादी ढांचा, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, ऊर्जा, डिजिटल गवर्नेंस और पर्यावरण से संबंधित मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया।विशेषज्ञों ने आंध्र प्रदेश और गुजरात जैसे अग्रणी राज्यों द्वारा तैयार किए गए विजन डॉक्यूमेंट्स को उदाहरण स्वरूप प्रस्तुत किया, ताकि उत्तर प्रदेश के लिए भी एक प्रभावी और ठोस दीर्घकालिक योजना बनाई जा सके। इस संदर्भ में प्रमुख सचिव नियोजन श्री आलोक कुमार ने कहा कि विकसित भारत का सपना उत्तर प्रदेश के विकास के बिना अधूरा रहेगा। उत्तर प्रदेश की भौगोलिक और संसाधन स्थिति उसे लगभग सभी प्रकार के औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल बनाती है। इसलिए राज्य को अपनी क्षमताओं का संवर्धन करते हुए सभी लक्ष्यों को प्राप्त करना होगा। उनका स्पष्ट मानना है कि यही विजन उत्तर प्रदेश को विकसित भारत के सपने के केंद्र में स्थापित करेगा।कार्यशाला का मूल उद्देश्य राज्य के विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर एक साझा विजन के तहत उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक विकसित राज्यों की श्रेणी में लाना है। यह पहल उत्तर प्रदेश सरकार की दूरदर्शिता तथा नीति आयोग के सहयोग का उदाहरण है, जो राज्य के समग्र और संतुलित विकास में मील का पत्थर साबित होगी। इस कार्यशाला से प्राप्त अनुशंसाएं और सुझाव भविष्य में राज्य के विकास के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होंगे और उत्तर प्रदेश को आर्थिक, सामाजिक तथा तकनीकी दृष्टि से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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