(लखनऊ)पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने 12 वृहद गो संरक्षण केंद्रों का किया वर्चुअल लोकार्पण
- 08-Oct-24 12:00 AM
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लखनऊ 8 अक्टूबर (आरएनएस )। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने आज पशुपालन निदेशालय में निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु 07 जनपदों के 12 वृहद गो संरक्षण केंद्रों का वर्चुअल लोकार्पण किया। यह केंद्र आगरा, शाहजहांपुर, उन्नाव (दो-दो), संभल (तीन), और अमेठी, गोंडा एवं झांसी (एक-एक) में स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों के निर्माण में राज्य सरकार ने प्रति केंद्र 160.12 लाख रुपये, अर्थात कुल 1921.44 लाख रुपये की धनराशि व्यय की है। प्रत्येक केंद्र में लगभग 400 गोवंश को संरक्षित करने की क्षमता है।इस अवसर पर मंत्री धर्मपाल सिंह ने जनपदों के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि गोवंश संरक्षण के कार्यों को गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ किया जाए। उन्होंने कहा कि गौशाला में गायों को भूखा न रहने दिया जाए और चारे, भूसे, और प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार निराश्रित गोवंशों के कारण गरीब किसानों की फसलों को नुकसान और मार्ग दुर्घटनाओं के कारण जनहानि को रोकने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इस दिशा में, सरकार ने निराश्रित गोवंशों के संरक्षण हेतु नीति का प्रख्यापन किया है और ग्रामीण क्षेत्रों में 6,672 अस्थायी, 321 वृहद गो संरक्षण केंद्र, 307 कांजी हाउस, और शहरी क्षेत्रों में 289 कान्हा गो आश्रय सहित कुल 7,589 गो आश्रय स्थलों की स्थापना की गई है। वर्तमान में कुल 12,08,088 गोवंश इन आश्रय स्थलों में संरक्षित हैं।मंत्री ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशन में निराश्रित गोवंश का संरक्षण और संवर्धन निरंतर किया जा रहा है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि नस्ल सुधार और कृत्रिम गर्भाधान पर जोर दिया जाए, तथा विभाग की योजनाओं का लाभ किसानों और पशुपालकों तक पहुँचाया जाए।कार्यक्रम में प्रमुख सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास, के. रविंद्र नायक ने कहा कि मंत्री के नेतृत्व में निराश्रित गोवंश का संरक्षण निरंतर जारी है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन माह में 21 नए केंद्रों का लोकार्पण किया गया है और इस वित्तीय वर्ष में 400 गोवंश धारण क्षमता के 45 नए केंद्रों की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है, जिनका निर्माण जून 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।इस कार्यक्रम में पशुधन विभाग के विशेष सचिव, निदेशक प्रक्षेत्र, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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