(लखनऊ)पिपरहवा (कपिलवस्तु) में भगवान बुद्ध के अवशेषों के संरक्षण हेतु मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा

  • 24-Sep-25 12:00 AM

लखनऊ, ( आरएनएस )24 सितंबर, 2025।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 16 सितंबर, 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पिपरहवा (कपिलवस्तु) से प्राप्त भगवान बुद्ध से संबंधित अस्थि मंजूषा और अन्य अवशेषों को उनके मूल पवित्र स्थल पिपरहवा में संरक्षित करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने पत्र में बताया कि इसके लिए भूमि उपलब्ध है और संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा यहां एक स्तूपनुमा भवन बनाकर अवशेषों को सुरक्षित किया जा सकता है।प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश भगवान बुद्ध से जुड़े पवित्र स्थलों के लिए विख्यात है। महात्मा बुद्ध का अहिंसा, करुणा और मैत्री का संदेश सम्पूर्ण मानवता के लिए अमूल्य है। प्रदेश में महात्मा बुद्ध से संबंधित छह प्रमुख पवित्र स्थल हैं, जिनमें सिद्धार्थनगर जिले का कपिलवस्तु विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह शाक्य गणराज्य की राजधानी और बुद्ध के प्रारंभिक जीवनकाल के 29 वर्षों का निवास स्थान रहा हैजयवीर सिंह ने आगे बताया कि 1898 में ब्रिटिश उपनिवेशिक काल में विलियम क्लैक्स्टन पेप्पे ने पिपरहवा स्थित एक स्तूप के उत्खनन के दौरान महात्मा बुद्ध के अस्थि अवशेषों के साथ रत्नों सहित एक स्वर्ण पटिका प्राप्त की थी, जिस पर पालि भाषा में लेखित था। यह रत्न भंडार बाद में पेप्पे के वंशजों के पास चला गया और 127 वर्ष बाद हांगकांग में नीलामी में दिखाई दिया। भारत सरकार ने इस नीलामी को रद्द कर जुलाई 2025 में अवशेषों को भारत वापस लाया, जिसके लिए प्रदेशवासियों ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया।मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा कि पिपरहवा कपिलवस्तु से लुम्बिनी (नेपाल) केवल 26 किलोमीटर दूर है, जो बौद्ध पर्यटकों के लिए आकर्षक स्थल है। यहां अवशेषों के प्रदर्शन से देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु आस्था और श्रद्धा के साथ यहां आएंगे, जिससे पर्यटन क्षेत्र में विकास होगा और स्थानीय रोजगार के अवसर सृजित होंगे।मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार अवशेषों को सुरक्षित एवं संरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेगी, जिससे वैश्विक स्तर पर बौद्ध श्रद्धालु भारत की सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ सकेंगे और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।




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