(लखनऊ)बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में महर्षि वाल्मीकि जयंती का कार्यक्रम आयोजित
- 07-Oct-25 12:00 AM
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लखनऊ 7 अक्टूबर (आरएनएस )। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में दिनांक 7 अक्टूबर को स्थायी आयोजन समिति एवं इतिहास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस. विक्टर बाबू ने की। इसके अलावा कार्यक्रम में इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. वी.एम. रवि कुमार और प्रो. शशि कुमार प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने महर्षि वाल्मीकि को शत-शत नमन करते हुए विश्वविद्यालय परिवार को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने उपस्थित सभी को वाल्मीकि जी के आदर्शों पर चलते हुए समाज में शांति, प्रेम और सद्भाव का संदेश देने के लिए प्रेरित किया।डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस. विक्टर बाबू ने अपने संबोधन में कहा कि महर्षि वाल्मीकि का संदेश है कि शिक्षा ही व्यक्ति के उत्थान का सबसे बड़ा साधन है। उन्होंने बताया कि ऐसे आयोजन न केवल सांस्कृतिक चेतना को जागृत करते हैं, बल्कि छात्रों को समाज सुधारकों की विचारधारा से जोड़ते हैं। वाल्मीकि जी का जीवन परिश्रम, त्याग और आत्मविकास का उदाहरण प्रस्तुत करता है।कार्यक्रम संयोजक एवं विभागाध्यक्ष प्रो. वी.एम. रवि कुमार ने कहा कि इतिहास विभाग निरंतर विद्यार्थियों को भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं से जोडऩे का प्रयास कर रहा है। उन्होंने महर्षि वाल्मीकि की प्रेरणादायक यात्रा को आत्मज्ञान और समाज सुधार का उदाहरण बताते हुए कहा कि उनके आदर्शों से समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव है।प्रो. शशि कुमार ने महर्षि वाल्मीकि के कर्म और ज्ञान को जीवन में प्रेरणा स्त्रोत बताते हुए कहा कि जन्म से नहीं बल्कि कर्म और ज्ञान से ही व्यक्ति की असली पहचान बनती है। उन्होंने वाल्मीकि जी के विचारों में निहित मानव अधिकारों और सामाजिक समानता के महत्व पर प्रकाश डाला।समस्त कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के शिक्षक, गैर-शिक्षण कर्मचारी, शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित रहे और महर्षि वाल्मीकि की जीवन यात्रा एवं उनके संदेशों से जुड़े विचारों को आत्मसात किया।
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