(लखनऊ)बीबीएयू में संत रविदास जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में संत रविदास के विचारों पर चर्चा

  • 12-Feb-25 12:00 AM

लखनऊ 12 फरवरी (आरएनएस ), । बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में आज संत रविदास जयंतीÓ के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस. विक्टर बाबू ने की, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रो. वीरेंद्र सिंह यादव ने अपने विचार साझा किए।कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और संत रविदास तथा बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने से हुई। इसके पश्चात, आयोजन समिति ने अतिथियों और शिक्षकों को पुष्पगुच्छ भेंट कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में बीबीएयू के कुलानुशासक प्रो. एम.पी. सिंह, भाषा एवं साहित्य विद्यापीठ के संकायाध्यक्ष प्रो. रामपाल गंगवार और कार्यक्रम संयोजक डॉ. शिवशंकर यादव भी उपस्थित रहे। मंच संचालन की जिम्मेदारी डॉ. प्रीति राय ने निभाई।कार्यक्रम में विचार रखते हुए प्रो. एस. विक्टर बाबू ने कहा कि भक्तिकाल के साहित्य में संत रविदास का विशेष स्थान है। उन्होंने जाति और लिंग के सामाजिक विभाजन को दूर करने की शिक्षा दी और आध्यात्मिक स्वतंत्रता की खोज में समाज में एकता बढ़ाने का संदेश दिया।मुख्य वक्ता प्रो. वीरेंद्र सिंह यादव ने संत रविदास के विचारों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने संत रविदास द्वारा पाखंड के विरोध में अभिव्यक्ति की आज़ादी का समर्थन करने और समाज में समानता का अवसर देने के दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने समाज सुधार, विवेक शक्ति, और मन पर नियंत्रण जैसे विषयों पर भी चर्चा की।कुलानुशासक प्रो. एम.पी. सिंह ने संत रविदास को योगी, समाज सुधारक और मानवता के सच्चे मार्गदर्शक के रूप में याद किया। उन्होंने कहा कि संत रविदास ने कर्म और श्रम को प्रधानता दी और सामाजिक सद्भाव की जो ज्योति प्रज्ज्वलित की, वह आगे आने वाली पीढिय़ों को प्रेरित करती रहेगी।अंत में, कार्यक्रम संयोजक डॉ. शिव शंकर यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर प्रो. सर्वश कुमार सिंह, डॉ. बलजीत कुमार श्रीवास्तव, अन्य शिक्षक, शोधार्थी और विद्यार्थी भी उपस्थित थे।




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment