(लखनऊ)लक्ष्मणपुर अवध महोत्सव 2024: संगीत और संस्कृति का संगम

  • 20-Nov-24 12:00 AM

लखनऊ 20 नवंबर (आरएनएस ) लक्ष्मणपुर अवध महोत्सव 2024 के छठे दिन महोत्सव की शुरुआत होते ही दर्शकों का उत्साह देखते ही बनता था, और यह सिलसिला देर रात तक जारी रहा। महोत्सव की विशेष खूबियों के कारण यह हर किसी को आकर्षित कर रहा है, और इसकी सफलता में अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह और उपाध्यक्ष एन बी सिंह के नित्य नए प्रयोगों का अहम योगदान है।संस्कृत बेला पर आयोजित कार्यक्रम में डॉ. जया श्रीवास्तव के निर्देशन में कलाकारों ने सुरों का जादू बिखेरा। महोत्सव के इस दिन के मुख्य अतिथि, अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शायर फ़ैज़ ख़ुमारी बाराबंकवी को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। सम्मान देने वालों में संस्था के संस्थापक अध्यक्ष श्री अजय श्रीवास्तव, डायरेक्टर डॉ. जया श्रीवास्तव और संरक्षिका सहर जावेद फारूकी सहित अन्य प्रमुख पदाधिकारी शामिल थे।कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. जया श्रीवास्तव द्वारा घर में पधारो गजानन जी भजन से हुई। इसके बाद, एक के बाद एक शानदार प्रस्तुतियाँ ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। गायिका वंदना श्रीवास्तव ने लता मंगेशकर के सदाबहार गीतों की प्रस्तुति दी, जबकि अनीता सिंह ने माई नहीं माई और मेरे हाथों में नौ-नौ चूडिय़ां गाकर माहौल को खास बना दिया। सीमा श्रीवास्तव ने कहे तोसे सजना गाया, और नीता प्रजापति ने बाबुल प्यारे गाकर दर्शकों को भावुक कर दिया।संगीत के इस शानदार सिलसिले में अन्य कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। प्रकाश खन्ना ने शादी के लिए रजामंद कर ली और सलीम अब्बासी ने मैं सेहरा बांध के आऊंगा गाया। दिनेश श्रीवास्तव ने बहारों फूल बरसाओ और रमन श्रीवास्तव ने बाबुल का ये घर प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के समापन पर डॉ. जया श्रीवास्तव ने विदाई गीत गाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।इसके अलावा, नवोदित कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीता। अंकिता सूर्यवंशी, प्रियंका, मुस्कान कनौजिया और अक्षत श्रीवास्तव ने अपनी आवाज और कला का प्रदर्शन किया। विशेष रूप से अक्षत श्रीवास्तव की स्टैंडअप कॉमेडी ने महोत्सव में एक अलग रंग भरा।कार्यक्रम के समापन पर सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह और उपाध्यक्ष एन बी सिंह ने दीप प्रज्वलित करके किया और महोत्सव में आए सभी का धन्यवाद किया।




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