(लखनऊ)लखनऊ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, गैंगस्टर अजय यादव उर्फ रिंकू की 3.70 लाख की कार कुर्क
- 06-Oct-25 12:00 AM
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लखनऊ 6 अक्टूबर (आरएनएस ):राजधानी लखनऊ पुलिस ने अपराधियों पर नकेल कसने की दिशा में एक और बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ के अधीन कार्य कर रही टीम ने गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1986 के तहत कार्रवाई करते हुए कुख्यात अपराधी अजय यादव उर्फ रिंकू पुत्र सुरेश यादव निवासी पश्चिम पट्टी, कंधरापुर, जनपद आजमगढ़ की अवैध संपत्ति जब्त कर ली है। यह कार्रवाई माननीय न्यायालय, पुलिस आयुक्त लखनऊ के आदेश पर की गई, जिसके तहत अभियुक्त की एक स्विफ्ट डिजायर कार (रजिस्ट्रेशन नंबर क्क 81 क्चष्ट 8129) कुर्क की गई है। इस वाहन की अनुमानित कीमत लगभग तीन लाख सत्तर हजार रुपये आंकी गई है।पुलिस के अनुसार, जांच में यह तथ्य स्पष्ट हुआ कि अभियुक्त के पास इस कार को खरीदने का कोई वैध आय स्रोत नहीं था। विवेचना से यह भी प्रमाणित हुआ कि कार की खरीदारी में प्रयुक्त धन विभिन्न आपराधिक गतिविधियों से अर्जित अवैध आय से संबंधित है। माननीय न्यायालय ने इसे अपराध से अर्जित संपत्ति मानते हुए राज्य सरकार के पक्ष में जब्त करने का आदेश पारित किया।लखनऊ पुलिस की यह कार्रवाई अपराधियों के खिलाफ चल रही जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत अपराधियों को न केवल जेल भेजा जा रहा है, बल्कि उनकी अवैध संपत्तियों को भी कुर्क किया जा रहा है ताकि उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर किया जा सके। पुलिस का कहना है कि इस कार्रवाई से अपराधियों में कानून का भय और आम नागरिकों में विश्वास दोनों स्थापित होंगे।अभियुक्त अजय यादव उर्फ रिंकू का आपराधिक इतिहास लंबा और गंभीर है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, उसके खिलाफ आज़मगढ़, अयोध्या, बाराबंकी और लखनऊ जिलों में हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, अपहरण और धोखाधड़ी जैसे 16 से अधिक गंभीर मामले दर्ज हैं। उसका पहला आपराधिक मामला वर्ष 2018 में थाना मेंहनगर, जनपद आजमगढ़ में हत्या के प्रयास के रूप में दर्ज हुआ था। इसके बाद से वह लगातार विभिन्न आपराधिक गिरोहों में शामिल रहकर अपराधों को अंजाम देता रहा है।पुलिस ने बताया कि अजय यादव एक खतरनाक अपराधी है, जिसने किशोरावस्था से ही आपराधिक प्रवृत्ति अपनाई। वह बुरे तत्वों के संपर्क में आकर अपराध की दुनिया में सक्रिय हो गया। समय-समय पर गैंग बदलकर उसने आजमगढ़, अयोध्या, बाराबंकी और लखनऊ जिलों में गंभीर अपराध किए। उसके गिरोह के आतंक से आम जनता भयभीत रहती थी और कोई भी व्यक्ति उसके खिलाफ शिकायत या गवाही देने का साहस नहीं जुटा पाता था।लखनऊ पुलिस के मुताबिक, अभियुक्त के खिलाफ थाना पारा में गिरोहबंद अधिनियम की धारा 2/3 के तहत मु0अ0सं0 440/2025 पहले से दर्ज है। पुलिस उसकी अन्य अवैध संपत्तियों की पहचान कर रही है ताकि आगे भी इसी प्रकार की कुर्की की कार्रवाई की जा सके। पुलिस का मानना है कि अपराधियों के खिलाफ इस प्रकार की आर्थिक कार्रवाई से उनके नेटवर्क और प्रभाव दोनों पर अंकुश लगेगा।पुलिस आयुक्त लखनऊ के आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि अभियुक्त के पास कार जैसी संपत्ति खरीदने का कोई ज्ञात वैध स्रोत नहीं है। जांच के दौरान यह स्पष्ट रूप से सामने आया कि यह संपत्ति अपराध से अर्जित धन से खरीदी गई थी। इसी आधार पर संपत्ति को राज्य सरकार के पक्ष में जब्त करने का आदेश पारित किया गया।यह कार्रवाई न केवल लखनऊ पुलिस की सतर्कता और सख्त रुख को प्रदर्शित करती है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि अपराध की दुनिया से कमाई गई कोई भी संपत्ति कानून के दायरे से बाहर नहीं रह सकती। पुलिस प्रशासन का यह प्रयास अपराधियों को आर्थिक रूप से पंगु बनाकर समाज में कानून व्यवस्था की मजबूती की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।
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