(लखनऊ)संभव अभियान की पहल से नितिन हुआ स्वस्थ: कुपोषण के खिलाफ समर्पित प्रयासों की सफलता

  • 25-Sep-25 12:00 AM

लखनऊ 25 सितंबर (आरएनएस )। नितिन जब डेढ़ साल का था, तब उसका स्वास्थ्य बेहद कमजोर था और वजन भी सामान्य से काफी कम था। उसके शरीर की सुस्ती और कमजोरी देखकर माता-पिता चिंतित थे। इसी दौरान संभव अभियान की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उषा मिश्रा उसके गांव सोठिया कला पहुंचीं और नितिन की गंभीर स्थिति को देखा। जून महीने में जब आंगनबाड़ी केंद्र पर उसका वजन मापा गया, तो वह केवल 7.4 किलोग्राम था।उषा मिश्रा ने नितिन को गंभीर कुपोषण की श्रेणी में चिन्हित किया और तुरंत एएनएम के सहयोग से उसे न्यूट्रिशन रिहैबिलिटेशन सेंटर (छत्ब्) में भर्ती करवाया। यहां नितिन को विशेष पोषण, चिकित्सा देखभाल और नियमित निगरानी प्रदान की गई। माता-पिता को भी सही आहार, स्वच्छता और देखभाल के तरीकों के बारे में प्रशिक्षित किया गया। कुछ ही हफ्तों में नितिन का वजन बढ़कर 8.5 किलोग्राम हो गया और वह स्वस्थ होकर घर लौट आया।संभव अभियान की सबसे बड़ी ताकत यह है कि डिस्चार्ज के बाद भी बच्चों की सतत निगरानी सुनिश्चित की जाती है। उषा मिश्रा ने नितिन के घर नियमित दौरे किए और परिवार को पोषण संबंधी सलाह दी। जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में सभी छत्ब् से डिस्चार्ज हुए बच्चों की लाइन लिस्ट तैयार की गई और उनकी प्रगति पर लगातार नजर रखी गई।सितंबर में पुन: जाँच के दौरान नितिन का वजन 8.5 किलोग्राम था और लंबाई में भी सुधार देखा गया। अब नितिन स्वस्थ है, खेलता है और मुस्कुराता है। उसकी मां रेखा ने कहा, पहले तो डर लगता था कि हमारा बच्चा ठीक हो पाएगा या नहीं, लेकिन उषा दीदी ने हमें उम्मीद दी। संभव अभियान ने यह साबित कर दिया है कि जब प्रशिक्षण, समर्पण और प्रणाली एक साथ काम करते हैं, तो कुपोषण जैसी चुनौती को भी मात दी जा सकती है। नितिन की कहानी इस पहल की सफलता और प्रभावशीलता का जीवंत उदाहरण है।




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