(लखनऊ)समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश/2047 महाभियान में जनसामान्य से प्राप्त सुझावों और फीडबैक की प्रक्रिया जारी
- 14-Oct-25 12:00 AM
- 0
- 0
लखनऊ 14 अक्टूबर (आरएनएस )। समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश/2047: समृद्धि का शताब्दी पर्व महाभियान के अंतर्गत प्रदेश के 75 जनपदों में नोडल अधिकारियों एवं प्रबुद्ध जनों द्वारा छात्रों, शिक्षकों, व्यवसायियों, उद्यमियों, कृषकों, स्वयंसेवी संगठनों, श्रमिक संगठनों, मीडिया और आम जनमानस के साथ संवाद किया गया। इस दौरान प्रदेश की विगत आठ वर्षों की विकास यात्रा पर विस्तृत जानकारी दी गई और विकास हेतु रोडमैप पर चर्चा कर जनता से फीडबैक प्राप्त किया गया।नियोजन विभाग के अनुसार, विकसित पोर्टल के माध्यम से अब तक कुल 39,38,788 सुझाव प्राप्त हुए हैं। इनमें से 30,73,436 सुझाव ग्रामीण क्षेत्रों से और 8,65,352 सुझाव नगरीय क्षेत्रों से आए हैं। सुझावों का आयु वर्ग अनुसार विवरण इस प्रकार है: 31 वर्ष से कम आयु वर्ग से 19,02,153, 31-60 वर्ष आयु वर्ग से 18,42,962 और 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग से 1,93,674 सुझाव प्राप्त हुए हैं। सुझावों में कृषि, पशुधन और डेरी, उद्योग, आईटी और टेक्नोलॉजी, पर्यटन, ग्रामीण विकास, इन्फ्रास्ट्रक्चर, समाज कल्याण, नगरीय विकास एवं स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा जैसे विविध क्षेत्र शामिल हैं।जनपदों के अनुसार प्राप्त फीडबैक में संभल, जौनपुर, बिजनौर, गोरखपुर और सोनभद्र अग्रणी हैं, जबकि फिरोजाबाद, महोबा, फतेहपुर, इटावा और पीलीभीत से न्यूनतम सुझाव प्राप्त हुए। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जनसामान्य की भागीदारी और उनकी सक्रियता में अंतर है।लखनऊ से प्राप्त सुझावों में सुश्री रेखा शुक्ला ने कृषि और ग्रामीण उद्यमों को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कोल्ड स्टोरेज क्रांति की दिशा में ब्लॉक स्तर पर विकेन्द्रित, सौर-ऊर्जा आधारित कोल्ड स्टोरेज के निर्माण, एग्रो प्रोसेसिंग, मिनी फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स और वन ग्राम पंचायत वन प्रोडक्ट की अवधारणा के माध्यम से किसानों के उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग को बढ़ावा देने का सुझाव दिया। उनके अनुसार इससे किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य और लाभ मिलेगा तथा ग्रामीण क्षेत्र की समृद्धि में योगदान होगा।भदोही से प्राप्त सुझावों में श्री प्रिन्स पाण्डेय ने ग्रामीण औद्योगिक विकास के लिए युवाओं और महिलाओं को प्रशिक्षण देने, सूक्ष्म एवं लघु उद्योग जैसे सिलाई, बेकरी, पैकिंग और फर्नीचर यूनिट स्थापित करने, खादी और ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने, हथकरघा उद्योग में बुनकरों को आधुनिक डिजाइन और ऑनलाइन मार्केट से जोडऩे और कृषि आधारित उद्योगों तथा महिला हस्तशिल्प को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बेचने का प्रस्ताव रखा। इसके साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि स्थानीय ग्राम प्रधानों को प्रशिक्षित कर योजना के क्रियान्वयन में मार्गदर्शक बनाया जाए और पूंजी व सब्सिडी के लिए उपलब्ध योजनाओं का उपयोग कर स्थानीय उद्यमिता को प्रोत्साहित किया जाए।सिद्धार्थनगर से सुश्री सरिता श्रीवास्तव ने सुझाव दिया कि गर्भवती महिलाओं को नियमित पोषण दिया जाए ताकि आने वाले बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना न करना पड़े। उन्होंने गांवों में टीकाकरण के नियमित अभियान की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मोबाइल उपयोग में सहूलियत सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही उन्होंने 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए नि:शुल्क प्राथमिक शिक्षा की सुचारू व्यवस्था करने की आवश्यकता जताई, जिससे प्रत्येक बच्चे की शिक्षा की नींव मजबूत हो सके।महाभियान के अंतर्गत जनसामान्य को जागरूक करने और सुझाव प्राप्त करने हेतु नगर पालिका, नगर निगम, नगर पंचायत, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायत स्तर पर बैठकों, सम्मेलन और गोष्ठियों का आयोजन किया गया। अब तक 153 नगर पालिकाओं और 6 नगर निगमों, 51 जिला पंचायतों, 365 नगर पंचायतों, 541 क्षेत्र पंचायतों और 36,137 ग्राम पंचायतों में कार्यक्रम सम्पन्न हुए हैं। इन आयोजनों के माध्यम से स्थानीय नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और संबंधित विभागों के बीच संवाद-सम्पर्क को सशक्त किया गया।प्रदेश सरकार द्वारा प्राप्त सुझावों और फीडबैक के आधार पर विजन डॉक्यूमेंट्स का निर्माण जारी है। इस प्रक्रिया के माध्यम से 2047 तक विकसित और समृद्ध उत्तर प्रदेश की परिकल्पना को साकार किया जाएगा। सरकार का यह प्रयास सामूहिक भागीदारी और समन्वित विकास को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिससे प्रदेश के प्रत्येक नागरिक की आकांक्षाओं और जरूरतों का ध्यान रखा जा सके।
Related Articles
Comments
- No Comments...