(विदिशा)मेडिकल कॉलेज में कंप्यूटर ऑपरेटर ने लगाई फांसी

  • 11-Jul-25 12:00 AM

विदिशा 11 जुलाई (आरएनएस)।विदिशा मेडिकल कॉलेज में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर ने गुरुवार सुबह अपने क्वार्टर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक कॉलेज की कर्मचारी कॉलोनी स्थित 14 नंबर बिल्डिंग में रहता था। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट और कई दस्तावेज मिले हैं, जिन्हें जब्त कर जांच शुरू कर दी गई है।जानकारी के अनुसार मृतक की पहचान भोपाल निवासी दीपक ठकोरिया (38) पिता नंदराम ठकोरिया के रूप में हुई है। वो 2018 से मेडिकल कॉलेज में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत था। दीपक ने घर में पंखे से रस्सी के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।सुसाइड नोट में उसने प्रेमिका और उसके परिवार पर आर्थिक और मानसिक शोषण का आरोप लगाया है। वहीं 12 लोगों को दी गई कुल 10.68 लाख रुपए की उधारी का विवरण भी लिखा है।दीपक ने नोट में रायसेन की सांचेत निवासी प्रेमिका सोनाली नामदेव पर झूठे प्यार का नाटक कर उससे राशन, कपड़े और गहने लेने का आरोप लगाया है। साथ ही ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से लाखों रुपए हड़प लिए। युवक ने प्रेमिका सोनाली नामदेव के पिता और भाई पर भी पैसे लेने का आरोप लगाया है। दीपक ने आगे लिखा कि वो लंबे समय से मानसिक और आर्थिक परेशानी झेल रहा है। उसने एक फाइल में सभी ट्रांजैक्शन की कॉपी और सुसाइड नोट रखा था। साथ ही प्रेमिका के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सीएसपी अतुल सिंह मौके पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।परिजनों के अनुसार, दीपक के पिता की मौत कैंसर से हुई थी। मां का पहले ही देहांत हो चुका था और छोटा भाई की भी करंट लगने से मौत हो गई थी। दीपक की तीन बहनें हैं। बड़ी बहन सुनीता, दूसरे नंबर की सीमा और तीसरे नंबर की बहन रजनी, सभी की शादी हो चुकी है। सीमा और रजनी घटना की जानकारी मिलते ही विदिशा मेडिकल कॉलेज पहुंची और उनके दो चाचा अशोक और कालीचरण ठकोरिया भी मौके पर पहुंच गए हैं।पिता की मौत के बाद साल 2018 में दीपक को हमीदिया अस्पताल में अनुकंपा नियुक्ति के तहत मेडिकल कॉलेज, विदिशा में सहायक ग्रेड-3 की नौकरी मिली। वर्तमान में वो स्थापना शाखा में पदस्थ था और अकेले रहता था।कर्मचारी दीपक की आत्महत्या के मामले में सुसाइड नोट से बड़ा खुलासा हुआ। दीपक ने नोट में 12 लोगों को दी गई कुल 10.68 लाख रुपए की उधारी का विवरण दिया है। दीपक ने लिखा है कि वह इन लोगों से बार-बार पैसे मांगते-मांगते थक गया था। उसने स्पष्ट किया है कि उसकी मौत के लिए इन लोगों को दोषी न माना जाए, लेकिन उधार की राशि उसकी बहन को लौटाई जाए।




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