(विष्णुगढ़)एक महीने से कुवैत में पड़ा है रामेश्वर महतो का शव, परिजन अंतिम दर्शन को तरस रहे

  • 15-Jul-25 12:00 AM

सरकारी पहल का इंतजार, समाजसेवी सिकन्दर अली जुटे प्रयास मेंविष्णुगढ़ 15 जुलाई (आरएनएस)। प्रवासी मजदूरों की बदहाली की एक और मार्मिक तस्वीर सामने आई है। विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के जोबार पंचायत अंतर्गत बंदखारो गांव निवासी रामेश्वर महतो का शव बीते 15 जून 2025 को कुवैत में मौत के बाद अब तक स्वदेश नहीं लौट सका है। एक माह बीत जाने के बावजूद परिजन अंतिम दर्शन तक नहीं कर सके हैं, जिससे घर में गहरा शोक और चिंता का माहौल है। परिजनों का कहना है कि शव की वापसी और मुआवजे की प्रक्रिया अब तक ठप्प पड़ी है। मृतक की कंपनी की ओर से कोई ठोस पहल नहीं हुई है, जिससे परिवार की पीड़ा और बढ़ गई है। हर दिन परिजन दरवाजे की ओर टकटकी लगाए बैठे रहते हैं, लेकिन किसी राहत की खबर नहीं मिल रही। समाजसेवी सिकन्दर अली, जो लंबे समय से प्रवासी मजदूरों के हक में कार्य कर रहे हैं, इस मामले को लेकर लगातार प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग जिले के हजारों मजदूर खाड़ी देशों में काम कर रहे हैं। लेकिन दुर्घटना या मृत्यु की स्थिति में शव लाने और मुआवजे की व्यवस्था में घोर लापरवाही देखने को मिलती है। सिकन्दर अली ने सरकार से मांग की है कि ऐसे मामलों में त्वरित हस्तक्षेप कर एक स्थायी नीति बनाई जाए, ताकि मजदूरों की मौत के बाद उनके परिवारों को समय पर शव और मुआवजा मिल सके। उन्होंने कहा कि आज भी कई प्रवासी मजदूरों के शव महीनों विदेशों में पड़े रहते हैं और परिजन बेसब्री से इंतजार करते रहते हैं। रामेश्वर महतो की मौत से पूरे गांव में शोक की लहर है। गांव के लोग भी चाहते हैं कि सरकार इस मामले में जल्द हस्तक्षेप करे और शव को भारत लाकर सम्मानजनक अंतिम संस्कार का अवसर परिजनों को दे।




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