(विष्णुगढ़)प्रवासी मजदूर नरेश गंझू की राजस्थान में हुई आकस्मिक मृत्यु

  • 03-Jan-25 12:00 AM

-पलायन रोकने हेतु सरकार राज्य के प्रखंड क्षेत्र में करे रोजगार की व्यवस्था: इं0 मुकेश कुमार महतोविष्णुगढ़ 3 जनवरी (आरएनएस)। प्रखंड अंतर्गत नरकी पंचायत के अलकिलवा बस्ती निवासी नरेश गंझू ने नए साल की रात अंतिम ली। अलकिलवा बस्ती के झमन गंझू के 36 वर्षीय पुत्र नरेश गंझू 1 जनवरी को राजस्थान में देर रात सोते सोते ही इस दुनिया से चल बसे। एक तरफ मौत की सूचना मिलते ही परिजन सदमे में हैं, तो वहीं गांव में शोक की लहर है। चतरोचट्टी थाना क्षेत्र के कैलाश महतो द्वारा नरेश गंझू पिछले 3 माह पूर्व रोजगार के लिए राजस्थान निकले थे मृतक नरेश गंझू टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड कंपनी में फिटिंग मास्टर पद पर कार्यरत थे। अचानक 1 जनवरी को देर रात सोते सोते ही उनकी मौत हो गई। मृतक अपने पीछे बूढ़े माता पिता, पत्नी बासो देवी, पुत्र सूरज कुमार 12 वर्ष, प्रकाश कुमार 9 वर्ष, सुजीत कुमार 6 वर्ष और राजेंद्र कुमार 2 वर्ष को छोड़ गए। परिवार में मृतक नरेश गंझू अकेला घर चलाने वाले व्यक्ति थे, पूरा परिवार इन्ही पर आश्रित था। गुरुवार को इस घटना की जानकारी मिलते ही जेएलकेएम मांडू विधानसभा नेता इंजीनियर मुकेश कुमार महतो, प्रखंड अध्यक्ष कौलेश्वर महतो, भारतीय युवा संसद सह जेएलकेएम प्रखंड उपाध्यक्ष सुरेश कुमार, नरकी पंचायत अध्यक्ष निर्मल महतो, संतोष महतो, जोगन महतो और नेमचन्द कुमार मृतक के घर पहुंचकर परिजनों को संवेदना प्रकट करते हुए हिम्मत बंधाए। इंजिनियर मुकेश कुमार महतो ने कंपनी प्रबंधन से वार्ता कर मृत शरीर को उनके निवास स्थान तक लाने एवं उचित मुआवजा मुहैया के साथ हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि अपने घर परिवार को छोड़कर रोजी रोटी की तलाश में प्रदेश गए प्रवासी मजदूरों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। हर रोज झारखंड के किसी न किसी इलाके के प्रवासी मजदूरों की दूसरे राज्यों या विदेशों से मौत की खबरे आ रही है। पलायन रोकने के लिए ऐसे में सरकार को अपने राज्य में रोजगार की व्यवस्था करनी चाहिए। प्रखंड अध्यक्ष कौलेश्वर महतो ने कहा की झारखंड राज्य इतना खनिज संपदा से परिपूर्ण होने के बावजूद यहां के लोग रोजी रोटी के लिए दूसरे राज्यों या विदेशों में जाकर मजदूरी कर रहे हैं। लगातार इस की प्रकार घटनाएं घटने से अभी तक सरकार किसी प्रकार की नीति नियम नहीं बना पाई है। यह कोई पहली घटना नहीं है, ऐसी घटनाएं दिन प्रतिदिन होते आ रही है। सरकार को पलायन रोकने के लिए, हर जिले, हर प्रखंड में यहां की जनता के लिए रोजग़ार उपलब्ध करवाए। प्रवासी मजदूरों की सबसे ज्यादा तादाद हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जिले से है।




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