(शिमला)हिमाचल: शिक्षकों को मिलेगा सिंगापुर से प्रशिक्षण, प्रदेश सरकार ने किया करार

  • 14-Feb-25 12:00 AM

शिमला 14 फरवरी (आरएनएस) । हिमाचल सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए अपने शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षित करने की दिशा में ऐतिहासिक पहल की है। आईआईएम से ट्रैनिंग देने के बाद अब प्रदेश सरकार ने सिंगापुर की प्रतिष्ठित प्रिंसिपल्स एकेडमी के साथ एक महत्वपूर्ण करार किया है। इस समझौते के अंतर्गत हिमाचल के शिक्षकों को सिंगापुर में आधुनिक शिक्षण विधियों, नेतृत्व कौशल और नवाचार आधारित शिक्षण प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के नेतृत्व में हिमाचल का एक दल सिंगापुर पहुंचा।शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की उपस्थिति में प्रिंसिपल्स एकेडमी के साथ यह ऐतिहासिक समझौता हुआ। इस दल में पूर्व सीपीएस आशीष बुटेल, समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली, संयुक्त शिक्षा सचिव सुनील वर्मा और अतिरिक्त सचिव निशांत ठाकुर, अतिरिक्त उच्च शिक्षा निदेशक संजीव सूद, सचिव हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड मेजर विशाल शर्मा भी शामिल थे। सिंगापुर में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में प्रिंसिपल्स एकेडमी के चेयरमैन एवं सीईओ एज्रा नग, एडवाइजरी कमेटी की चेयरपर्सन लिम लाई चेंग, जनरल मैनेजर जेरमिन नाई, एसोसिएट डायरेक्टर डैरेन और जोसेफ सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।प्रिंसिपल्स एकेडमी के साथ करार से नहीं पड़ेगा कोई वित्तीय भारप्रिंसिपल्स एकेडमी के साथ करार से जहां हिमाचल के शिक्षकों को अंतराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण मिलेगा, वहीं बड़ी बात यह है कि इस करार से हिमाचल पर कोई वित्तीय भार नहीं पड़ेगा। इस ऐतिहासिक साझेदारी के अंतर्गत प्रदेश के शिक्षकों को अत्याधुनिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसका उद्देश्य शिक्षकों की क्षमताओं को मजबूत बनाना, नवीनतम शिक्षण तकनीकों से उन्हें अवगत कराना और स्कूलों के नेतृत्व को और प्रबल करना है। यह समझौता शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रेष्ठ शिक्षण प्रणालियों का अनुभव प्रदान करेगा, जिससे वे अपने विद्यार्थियों को वैश्विक दृष्टिकोण से शिक्षित कर सकें। इससे हिमाचल के शिक्षकों को जरूरतों के हिसाब से प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे पठन-पाठन में संरचनात्मक बदलाव आएंगे। इस करार के तहत दोनों पक्षों के बीच सहयोग कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में किया जाएगा। इसमें स्कूलों के प्रधानाचार्यों, प्रशासकों और शिक्षकों के लिए नवीन शिक्षण पद्धतियों, नेतृत्व क्षमता और स्कूल प्रबंधन से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना शामिल है। साथ ही शिक्षकों के ज्ञानवर्धन के लिए कार्यशालाएं, सेमिनार और आदान-प्रदान कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।प्रदेश के शिक्षकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन और प्रत्यक्ष प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किए जाएंगे ताकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर की बेहतरीन शिक्षा पद्धतियों को समझ सकें और अपना सकें। इस सहयोग के अंतर्गत विशेष रूप से विकसित की गई प्रशिक्षण सामग्री और शिक्षण विधियों को लागू किया जाएगा, ताकि शिक्षकों को आधुनिक शिक्षा प्रणाली के अनुरूप प्रशिक्षित किया जा सके। प्रशिक्षण कार्यक्रमों की प्रभावशीलता को परखने के लिए नियमित आकलन और मूल्यांकन भी किया जाएगा, जिससे कार्यक्रमों में निरंतर सुधार संभव हो सके। इसके साथ ही, शिक्षकों के लिए प्रमाणन कार्यक्रमों की संभावनाओं को भी देखा जाएगा, ताकि उन्हें उनके कौशल विकास का औपचारिक प्रमाण प्राप्त हो सके। इस समझौते की सबसे खास बात यह है कि केवल हिमाचल के शिक्षक ही सिंगापुर नहीं जाएंगे, बल्कि सिंगापुर के अनुभवी शिक्षक और विशेषज्ञ भी प्रदेश का दौरा करेंगे। वे यहां के स्कूलों में शिक्षण प्रक्रियाओं का मूल्यांकन करेंगे और स्थानीय जरूरतों के अनुसार शिक्षकों को प्रशिक्षित करने में सहयोग प्रदान करेंगे। इससे हिमाचल के स्कूलों तक अंतरराष्ट्रीय स्तर की विशेषज्ञता पहुंचाई जा सकेगी और शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।




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