(श्रावस्ती)मां गौरी की महाआरती का भव्य आयोजन

  • 01-Oct-25 12:00 AM

श्रावस्ती 1 अक्टूबर (आरएनएस ) शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन दुर्गा पूजा पंडालों में मां गौरी की महा आरती में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई दिखाई दी, श्रद्धालुओं ने मां गौरी की आरती की। भंगहा बाजार में धार्मिक श्रद्धा और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। श्री नव युवक दुर्गा पूजा समिति द्वारा आयोजित मां गौरी की महाआरती में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। माता रानी के जयकारों और घंटा-घडिय़ालों की गूंज से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया। मंगलवार की रात को आयोजित महाआरती में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ी। पूजा स्थल पर रंग-बिरंगी रोशनी, सजे हुए पंडाल और माता रानी के दरबार की भव्य सजावट ने सबका मन मोह लिया। भक्तों ने दीप जलाकर, पुष्प अर्पित कर मां गौरी की आरती की और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। महाआरती के दौरान श्री नव युवक नव दुर्गा पूजा समिति द्वारा थाल सजावट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्र की लगभग हजारों की संख्या में महिलाओं और बच्चियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने आस्था और सृजनशीलता का परिचय देते हुए अपनी थालों को फूलों, दीपों, कलश, नारियल, अक्षत, कुमकुम और रंगोली से सजाया। कुछ थालों में धार्मिक प्रतीक और मंत्र भी उकेरे गए, जिन्हें देख श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए।प्रतियोगिता में विशेष रूप से चयनित श्रेष्ठ थाल सजाने वाली प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर मंच से सम्मानित किया गया। प्रतिभागियों में प्रथम पुरुष्कार पम्मी सोनी, द्वितीय पुरुष्कार सुष्मिता व तृतीय पुरुष्कार नंदनी गुप्ता को मिला। इसी तरह आरती की थाल लेकर पहुंची सभी महिलाओं, बच्चियों को माता रानी की प्रतिमा दिया गया। पुरस्कार वितरण के दौरान उपस्थित जनसमूह ने तालियों की गडग़ड़ाहट से प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। पूरे आयोजन के दौरान समिति की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए थे। सुरक्षा, रोशनी, पेयजल और बैठने की पर्याप्त व्यवस्था की गई थी। स्थानीय पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। साथ ही 5100 नारियल के लड्डुओं का माता जी को भोग लगाया गया। श्री नव युवक दुर्गा पूजा समिति के संयोजक कन्हैया लाल पटवा ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी समिति द्वारा धार्मिक आयोजनों के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला चलाई जा रही है। हमारा उद्देश्य है कि लोग न केवल पूजा में भाग लें, बल्कि हमारी संस्कृति, परंपरा और लोक कला से भी जुड़ें। कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालुओं ने समिति की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन समाज में सकारात्मकता और एकजुटता का संदेश देते हैं। महिलाओं ने कहा कि थाल प्रतियोगिता से उन्हें अपनी सृजनात्मकता दिखाने का अवसर मिला और वे अगली बार और बेहतर तैयारी के साथ शामिल होंगी।




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