(सिरसा)आढ़तियों ने हड़ताल करके मंडी में निकाला रोष मार्च

  • 05-Apr-24 12:00 AM

उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर दिया मांगों से संबंधित ज्ञापनसिरसा 5 अप्रैल (आरएनएस)। गेहूं पर पूरी दामी देने तथा सरसों की खरीद आढ़तियों के माध्यम से करवाने की मांग पर आंदोलन कर रहे आढ़तियों ने आज धरना-प्रदर्शन के आखिरी दिन सिरसा की अनाजमंडी में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रोष मार्च निकाला। रोष मार्च के बाद आढ़तियों ने लघुसचिवालय पहुंचकर उपायुक्त की गैर मौजूदगी में डीडीपीओ अनूप सिंह को सीएम हरियाणा के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा। रोष मार्च में आढ़तियों के साथ ही कॉटन मिलर्स एसोसिएशन, राइस मिलर्स, मंडी मजदूर यूनियन, दलाल एसोसिएशन तथा मुनीम एसोसिएशन ने भी भाग लिया।आंदोलन के आखिरी दिन आज आढ़तियों ने मंडी में पूर्ण रूप से हड़ताल रखी। खास बात तो यह रही कि कंडा छोड़ हड़ताल में मंडी में स्थित सहकारी समिति की दुकान पर भी किसी माल की तुलाई नहीं हुई। किसान भी अपनी उपज लेकर मंडी में नहीं आए।आज सुबह आढ़ती एसोसिएशन सिरसा के बैनर के नीचे मंडी के आढ़ती मार्केट कमेटी कार्यालय के आगे एकत्र हुए तथा सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शन का नेतृत्व आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान मनोहर मेहता ने किया। उसके बाद सैकड़ों आढ़ती नारेबाजी करते हुए जुलूस की शक्ल में मंडी का राउंड करने के लिए रवाना हुए। आढ़तियों ने सिरसा अनाजमंडी, एडिशनल मंडी, सेकंड एडिशनल मंडी, एससीएफ मंडी, स्टेडियम रोड व कपास मंडी का दौरा किया और नारेबाजी की। इसके बाद बड़ी संख्या में आढ़ती लघुसचिवालय पहुंचे जहां पर उपायुक्त की गैर मौजूदगी में डीडीपीओ अनूप सिंह को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। डीडीपीओ ने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को सीएम कार्यालय को भेज दिया जाएगा।इससे पूर्व प्रधान मनोहर मेहता ने कहा कि 1 अप्रैल से शुरू किया गया धरना प्रदर्शन आज खत्म हो गया है, मगर जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी, आगे भी आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे स्टेट कमेटी से मांग करेंगे कि आढ़तियों द्वारा गेहूं तुलाई करवाना बंद किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार आढ़तियों के साथ ज्यादती कर रही है और उनके कारोबार को बंद करने के लिए विभिन्न हथकंडे अपना रही ह। उन्होंने कहा की काफी वर्षों सें किसान, आढ़ती और मजदूर के रिश्ते को तोडऩे का सरकार प्रयास कर रही है। यदि आढ़त का काम बंद हो गया तो हरियाणा के 25000 आढ़ती और उनके साथ साथ लाखों मुनीम मजदूर भी बेरोजगार होकर अपने घरों को बैठ जायेंगे। प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ जाएगी। उन्होंने बताया पिछले काफी वर्षों से हमारा संघर्ष जारी है लेकिन सरकार अपनी जिद्द पर अड़ी हुई है। आढ़तियों की मांग है कि किसानों की सभी फसलें जैसे कॉटन, सरसो, सूरजमुखी,बाजरा इत्यादि और अन्य सभी फसले सरकार द्वारा एमएसपी पर आढ़तियों के माध्यम से ही खरीदी जाए और आढ़त पूरी 2.5 प्रतिशत मिलनी चाहिए जो कि गेहूं पर लगभग 57 रुपये व धान पर लगभग 56 रुपये बनती है, जबकि पिछले चार वर्षों से सरकार द्वारा गेहूं पर 46 रुपये और धान पर 45.88 रुपए फिक्स आढ़त दी जा रही है जो की बहुत कम है। उन्होंने कहा कि सरसो और कॉटन फसलें सरकार हैफेड और कॉटन कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया के माध्यम से सीधे किसानों से खरीद रही है जिससे आढ़ती का कोई कमीशन नहीं बन रहा है जो कि आढ़तियों के साथ अन्याय है। इससे आढ़तियों मे बहुत रोश है। अत: सरकार से निवेदन है कि सभी फसलें आढ़तियों के माध्यम ही खरीदी जाए और पूरी 2.5 प्रतिशत आढ़त अदा की जाए या सरकार सरसों और कॉटन को भी भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत खरीद करें जिससे कि हमारी मंडिया खत्म होने से बच सकें। इस मौके पर उपप्रधान प्रेम बजाज, सचिव दीपक मित्तल, कोषाध्यक्ष कुणाल जैन, सह सचिव महावीर शर्मा, उपाध्यक्ष सुशील कस्वां, बाबा रामदास, सुरेंद्र मिचनाबादी, हरदीप सरकारिया, विजय चौधरी, चिमन मोंगा, धर्मपाल जिंदल, हनीश गर्ग, नरेश मक्कड़, उपप्रधान कृष्ण गोयल, सुशील रहेजा, केहर सिंह, धर्मपाल मेहता, राजकरण भाटिया, राजेश कुमार बिट्टू, अंकित अरोड़ा, संजय जैन, नरेंद्र धींगड़ा, सरदार प्रकार सिंह,राजेंद्र नंबरदार, सुधीर ललित, हन्नी अरोड़ा, जगदीश मेहता, गुरजंट सिंह सहित बड़ी संख्या में आढ़ती मौजूद थे।




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