(सिरसा)जब समाज जागता है तो बड़ी से बड़ी आपदाएं भी घुटने टेक देती है: बाबा ब्रह्मदास महाराज
- 09-Sep-25 12:00 AM
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सिरसा 9 सितंबर (आरएनएस)। जब सच्चे संत श्रम में जुटते हैं तो सेवा सिर्फ शब्द नहीं कर्म बन जाती है। जहां एक ओर प्रकृति की ताकत कहर बनकर टूट रही थी, वहीं दूसरी ओर इंसानियत व सेवा भावना ने एक मिसाल कायम कर दी। मुख्य डेरा बाबा भूमणशाह ग्राम बाबा भूमणशाह (संघर सरिस्ता सिरसा) के सेवक सचिव विनोद एडवोकेट ने बताया कि जिला के गांव पनिहारी व बुर्जकमगढ़ के बीच उफनती नदी के पानी के तेज प्रैशर से बनी बड़ी दरार को सैकड़ों युवाओं व ग्रामीणों ने पूरी मेहनत व मशक्कत के साथ बन्द कर दिखाया। इस ऐतिहासिक सेवा अभियान की ताकत बने डेरा बाबा भूमणशाह संगर सरिस्ता के गद्दीनशीन संत बाबा ब्रह्मदास महाराज, जिनका संगत के साथ व्यक्तिगत रूप से सेवा में जुटना सेवादारों के लिए जोश का काम कर गया। बाबा ब्रह्मदास महाराज ने न केवल सेवा में जुटे लोगों का मार्गदर्शन किया, बल्कि अपने हाथों से मिट्टी से भरे प्लास्टिक बैग उठाकर दरार को पाटने में संगत का सहयोग किया। हिम्मत हार चुकी संगत, ग्रामीणों व नौजवानों के बीच दोपहर को पहुंचे बाबा ब्रह्मदास महाराज के आगमन से ऐसा जोश व जुनून जागा कि उन्होंने संकट की परवाह न करते हुए कुछ ही घंटों में बांध को पाट दिया। बाबा ब्रह्मदास महाराज ने कहा कि सिर्फ नदी की दरार नहीं है, यह हमारी एकता की परीक्षा है, इसे हमें जीतना है। उसके बाद नदी का तेज बहाव, मिट्टी की कमी व रात का अंधकार भी संगत की हिम्मत को डिगा नहीं सका और उन्होंने बिना रुके बिना थके दरार को बांध दिया। इस दरार के बंद होने से दर्जनों गांवों की हजारों एकड़ फसलें बच गई। सभी इलाका निवासियों ने बाबा ब्रह्मदास महाराज के सान्निध्य, सेवा व समर्पण भावना के लिए आभार जताया। वहीं बाबा ब्रह्मदास महाराज ने बांध को पाटने का श्रेय ग्रामीणों प युवाओं को देते हुए कहा कि यह सिर्फ सेवा नहीं, एक संदेश है कि जब समाज जागता है तो आपदाएं भी घुटने टेक देती है।
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