(सिरसा)जिला पुलिस की एडवाजरी : मुनीम अथवा बुक कीपर पर आंख बंद कर भरोसा करना पड़ सकता है भारी :- पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण

  • 30-May-24 12:00 AM

-बिजनेस मेन नियमित रूप से अपने बैंक स्टेटमेंट व बैलेंस शीट को चैक करने की आदत डालें :- पुलिस अधीक्षक सिरसा 30 मई (आरएनएस)। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण के दिशा निर्दशानुसार जिला पुलिस की और से एक विशेष एडजारी कर कारखाना,फैक्ट्ररी संचालक ,उधोगपतियों व अन्य प्रकार का बिजनेस करने वालों को आगाह करते हुए कहा गया है कि वे अपने बैंक खातों व बैलेंस शीट को नियमित रुप से हर रोज खुद चैक करें तथा अपने अपने मुनीम अथवा बुक कीपर पर आंख बंद कर भरोसा न करें । आपकी थोड़ी से लापरवाही से वर्षो से कमाई गई पूंजी से हाथ धोना पड़ सकता है । इस संबंध में पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया है कि पिछले कुछ दिनों में शहर सिरसा व ऐलनाबाद क्षेत्र में मुनीम व बुक कीपर द्वारा अपने मालिकों के साथ की गई धोखाधड़ी के मामलें सामने आए है । उन्होंने बताया कि मालिकों की लापरवाही की वजह से अपने बैंक अकाऊंट व बैलेंस शीट को मुनीमों व बुक कीपरों के हवाले कर उन पर जरुरत से ज्यादा विश्वास किया जिसकी वजह से उन्हें करोड़ों रुपए के नुकसान का सामना करना पड़ा है । जिला पुलिस की और से जारी प्रैस विज्ञप्ति के माध्यम से हिदायत देते हुए कहा गया है कि फैक्ट्ररी संचालक व बिजनेस मेन करोड़ो रुपए का लेनदेन अकेले अपने मुनीमों पर न छोड़े तथा ऑनलाइन नेटबैकिंग द्वारा की जाने वाली ट्रांजेक्सन पर खुद मॉनिटरिंग करें । ऑनलाइन ट्रांजैक्सन के दौरान आना वाला ओटीपी खुद के मोबाइल फोन पर लें ताकि वितिय जोखिम से बचा जा सकें । पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया कि जब आपका मुनीम अथवा बुककीपर ही अपराधी हो तो शीघ्र ही गबन का पता लगाना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि उनके पास आपके वित्तीय रिकॉर्ड और पुस्तकों में हेरफेर करने का ज्ञान और क्षमता होती है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अक्सर देखने में आया है कि मुनीम अथवा बुककीपर नेट बैकिंग पर बेनिफिशियरी अकांउट पर तो फर्म का नाम दे देते है,परंतु अकाउंट नंबर खुद या किसी अन्य परिचित का देकर विभिन्न तरीकों से अपने मालिकों को लाखों व करोड़ों का चूना लगा रहे है । पुलिस अधीक्षक ने हियादत देते हुए कहा है, कि बिजनेस मेन समय समय पर खुद अपने वित्तीय रिकॉर्ड की नियमित रुप से समीक्षा करते रहें । उन्होंने कहा कि चाहे खातों का प्रबंधन कोई भी कर रहा हो, एक व्यवसाय का मालिक होने के नाते आपका फर्ज बनता है कि आप नियमित रूप से अपने बैंक स्टेटमेंट और क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट को चैक करने की आदत डालनी चाहिए । उन्होंने कहा कि आपकी ये आदत मुनीम अथवा बुककीपर की वित्तीय विवरण धोखाधड़ी और यहां तक कि साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ सुरक्षा के रूप में कार्य करेगी, जिससे आपको किसी भी अनियमितता को शुरू में ही पहचानने में मदद मिलेगी। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने कहा कि अगर आपके पास कोई मुनीम या बुककीपर अथवा अकाउंटेंट है,औऱ जो आपके बैंक से संबंधित लेनदेन का काम संभालता है,तो सुनिश्चित करें कि वे अकेले ही लेनदेन की समीक्षा न कर रहे हों,इसलिए अपने बैलेंस शीट व बैंक खातों की समीक्षा के लिए समय- समय पर चार्टर्ड अकाउटेंट की सलाह लेते रहे जोकि आपको धोखाधड़ी से बचाने में कॉफी मददगार साबित हो सकती है ।




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