(सिरसा)दीपावली पर लोकल फॉर वोकल बनें

  • 13-Oct-25 12:00 AM

हर भारतीय उत्पाद देश के स्वाभिमान और समृद्धि की नींव हैरू एडवोकेट यतीन्द्र सिंहसिरसा 13 अक्टूबर (आरएनएस)।भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष एडवोकेट यतीन्द्र सिंह ने देश के सबसे बड़े त्योहार दीपावली के शुभ अवसर पर देशवासियों से एक भावपूर्ण अपील की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान और लोकल फॉर वोकल के मंत्र को मजबूती देते हुए कहा कि आने वाले त्योहारों पर हम सभी को केवल और केवल भारतीय उत्पादों को ही खरीदना चाहिए। जिला अध्यक्ष यतीन्द्र सिंह ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि दीपावली रोशनीए खुशहाली और समृद्धि का पर्व है और इस पावन अवसर पर मैं सभी जिला वासियों और देशवासियों से आग्रह करता हूं कि इस बार अपनी खरीदारी में भारत को प्राथमिकता दें। जब हम भारत में बने उत्पाद खरीदते हैंए तो हम केवल कोई वस्तु नहीं खरीदतेए बल्कि हम अपने देश के मेहनतकश कारीगरोंए श्रमिकोंए छोटे उद्यमियों और किसानों की मेहनत को सम्मान देते हैं। यह पैसा सीधे उनके परिवारों तक पहुंचता हैएए जिससे उनके घर में भी त्योहार की खुशहाली आती है। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य केवल एक आर्थिक नारा नहींए बल्कि राष्ट्रीय स्वाभिमान की भावना हैए जब हम विदेशी सामानों पर अपनी निर्भरता कम करते हैं और लोकल को अपनाते हैंए तो हम देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देते हैंए रोजग़ार के नए अवसर पैदा करते हैं और राष्ट्र को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाते हैं। हर भारतवासी का यह छोटा.सा संकल्प कि वे दीपावली पर दीये से लेकर उपहार और सजावट का हर सामान भारत में बने उत्पाद ही खरीदेंगे तो यह हमारे देश को 2047 तक विकसित भारत बनाने के संकल्प में एक महत्वपूर्ण कदम होगा और विश्व को दिखा दें कि भारत अपने हुनर और उत्पाद की गुणवत्ता में किसी से पीछे नहीं है। यह केवल एक त्योहार नहींए यह देश के प्रति हमारी निष्ठा दिखाने का अवसर है। आगेए अपनी मुख्य अपील में भारतीय श्रम के गौरव को समाहित करते हुए उन्होंने कहा कि यह दीपावली केवल दीपों का त्योहार नहींए बल्कि राष्ट्र के मेहनतकश हाथों का सम्मान पर्व बने। हर देशवासी से हमारी यह अपील है कि इस पावन अवसर पर अपनी खरीदारी में आत्मनिर्भर भारत की भावना को सर्वोपरि रखेंए क्योंकि हमारी प्रत्येक खरीदारी में भारत की माटी की महक और भारतीय श्रम की सुगंध होनी चाहिए। इसलिएए चाहे वे मिट्टी के दीये होंए शुद्धता से भरी पारंपरिक मिठाई होए पारंपरिक वेशभूषा.कपड़े होंए या घर की हर छोटी.बड़ी सजावट का सामान होए हमारा संकल्प अटल रहे कि हम केवल भारत में बने उत्पाद ही खरीदेंगे। जब हम अपने स्थानीय कारीगरोंए जैसे कुम्हारों के चाक की कलाए बुनकरों के ताने.बाने के हुनर और छोटे दुकानदारों की ईमानदारी भरी मेहनत को सीधे समर्थन देते हैंए तो हम केवल सामान नहीं खरीदतेए बल्कि उनके घरों में आशा की एक नई ज्योति जलाते हैं। उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि आईएए इस दिवाली विदेशी निर्भरता की बेडिय़ों को तोड़ते हुएए अपने राष्ट्र की आर्थिक समृद्धि की नींव को मजबूत करें और विकसित भारत के निर्माण में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें।




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