(सिरसा)पैकेजिंग एंड डिस्पोजल एसोसिएशन ने उपायुक्त को सौंपा राज्यपाल के नाम ज्ञापन
- 16-Sep-25 12:00 AM
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भाजपा जिला प्रधान व नगर परिषद अध्यक्ष ने अधिकारियों से करवाई वार्ता, जल्द होगा समाधानसिरसा 16 सितंबर (आरएनएस)। पैकेजिंग एंड डिस्पोजल से जुड़े व्यापारियों ने मंगलवार को प्रदेश व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष हीरालाल की अध्यक्षता में जिला उपायुक्त को राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा। वहीं व्यापारियों की समस्या को देखते हुए सुबह धरनास्थल पर भाजपा जिलाध्यक्ष यतींद्र सिंह एडवोकेट व नगर परिषद के अध्यक्ष शांति स्वरूप भट्टी भी पहुंचे और व्यापारियों से बातचीत की। व्यापारियों की समस्याओं को जानने के बाद जिलाध्यक्ष ने अधिकारियों से बातचीत का आश्वासन दिया। जिलाध्यक्ष ने कहा कि व्यापारियों के साथ किसी प्रकार की ज्यादती नहीं होने दी जाएगी। बुधवार की सुबह 11 बजे एडीसी की अध्यक्ष्ता में सिरसा व हिसार के संबंधित विभाग के अधिकारियों से बातचीत होगी।उपायुक्त को दिए ज्ञापन में व्यापारियों करियाणा एसोसिएशन के प्रधान सतीश शर्मा, परमानंद कक्कड़, वेदभूषण गर्ग, कुलर व इलैक्ट्रोनिक्स एसोसिएशन के प्रधान शशिकांत रोहिल्ला, दिनेश वधवा, गुड़-खांड शक्कर एसोसिएशन के प्रधान सुभाष शेरपुरा, अंजनी कनोडिया व्यापार मंडल के उपप्रधान, व्यापार मंडल के शहरी प्रधान कीर्ति गर्ग, अमित गाबा, स. कंवलजीत सिंह, सुमित गुप्ता, उमंग मेहता, विक्की फुटेला, विजय गुंबर, व्यापार मंडल के युवा प्रधान हेमंत गुप्ता, ऐलनाबाद से पंकज कांडा, नरेश अरोड़ा, रानियां से सन्नी कालड़ा, डबवाली से राजकुमार, जोनी वर्मा कालांवाली, सतपाल कालांवाली, आशु गुंबर, अमित गुप्ता, बांस एसोसिएशन के प्रधान अनिल ग्रोवर, पंकज सोनी, राजकुमार, सुशील कुमार ने संयुक्त रूप से बताया कि सभी व्यापारी ईमानदारी से व टैक्स भरकर अपना व्यापार करते हैं। सरकार की कुछ गलत नीतियों के कारण छोटे व्यापारियों को तंग किया जा रहा है। पैकेजिंग व डिस्पोजल आईटम्स का हवाला देकर 25 से 50 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा रहा है और दुकानों पर पड़ा सामान नगर परिषद सिरसा व प्रदूषण विभाग के अधिकारियों द्वारा जबरदस्ती उठाया जा रहा है। यही नहीं जो अधिकारी व्यापारियों को नाजायज तंग कर रहे हैं, वो स्वयं भी भ्रष्टाचार के आरोपों में संलिप्त है। नगर परिषद आज भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। व्यापारियों द्वारा उपरोक्त डिस्पोजल व अन्य सामान सरकार को 18 प्रतिशत जीएसटी भरकर लाया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि सरकार जब अपने सरकारी कार्यक्रमों में डिस्पोजल का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रही है, तो आम जनता पर कुठाराघात किसलिए किया जा रहा है। जब कारपोरेट हाऊस को सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रयोग करनेकी अनुमति है, जैसे वीटा, कुरकरे, लेज, सरस, वेरका, रिलायंस के उत्पाद जैसे अनेक निजी व सरकारी संस्थाओं पर प्लास्टिक व डिस्पोजल यूज करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। इसलिए व्यापारियों की मांग है कि सरकार उन्हें नाजायज तंग करने की बजाय फैक्ट्रियों को बंद करे।
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