(सिरसा)योग वह स्वर्णिम कुंजी है जो शांति, स्थिरता और आनंद के द्वार खोलती है: योगाचार्य स्वामी विज्ञानानंद
- 25-Sep-25 12:00 AM
- 0
- 0
कारगार परिसर में स्वामी विज्ञानानंद ने किया पौधारोपण(सिरसा) दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से अपने स्वास्थ्य जाग्रति कार्यक्रम आरोग्य प्रकल्प के अंतर्गत आज कैदी बंधुओं के अच्छे स्वास्थ्य की मंगल कामना के उद्देश्य से स्थानीय जिला कारागार सिरसा में विलक्षण योग एवं ध्यान साधना शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें संस्थान की ओर से आशुतोष महाराज के शिष्य योगाचार्य स्वामी विज्ञानानन्द ने बताया कि बढ़ते हुए शहरीकरण, प्रदूषण, अनियमित आहार विहार और ओद्योगिकीकरण से जहां वृक्ष कटाव से प्राकृतिक असंतुलन की स्थिति पैदा हुई है, वहीं प्रदूषित वायु में सांस लेना भी दूभर हो चुका है। जिससे हृदय से सम्बंधित रोगों के साथ साथ मधुमेह, टीबी, कैंसर, डेंगू, चिकनगुनिया व विविध विषम ज्वरों में अभिवृद्धि हो रही है। स्वामी जी ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विज्ञान का सहारा लेकर आधुनिक चिकित्सा पद्धति ने जहां चरमोत्कर्ष को प्राप्त किया है, वहीं अभी बहुत सी ऐसी बीमारियां हैं जिनका समाधान आधुनिक चिकित्सा प्रणाली में तो नहीं, परंतु भारतीय वैदिक योग दर्शन में है। वस्तुत: योग का आश्रय लेकर जीवेम शरद: शतम्ष् की अवधारणा के अनुरूप मनुष्य चाहे तो सौ वर्ष तक भी निरोगी जीवन यापन कर सकता है। क्योंकि योग वह स्वर्णिम कुंजी है जो शांति, स्थिरता और आनंद के द्वार खोलती है। अत: आवश्यक है कि योग केवल एक दिन का नहीं, जीवन का अभिन्न हिस्सा बने। स्वामी जी ने उपस्थित साधकों को ताड़ासन, तिर्यक ताड़ासन, वीर भद्रासन, करतल ध्वनि योग, नृत्य योग, नाड़ी शोधन प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, उज्जाई प्राणायाम, स्कन्ध चालन, पाद चालन, सर्वाइकल पेन से संबंधित सूक्ष्म व्यायाम इत्यादि क्रियाओं का विधिवत अभ्यास करवाया और साथ ही इनके दैहिक और वैज्ञानिक लाभों से परिचित भी करवाया। प्रकृति और योग का समन्वय करते हुए स्वामी जी ने संस्थान के संरक्षण प्रकल्प के अंतर्गत कारगर परिसर में कैदी बंधुओं और स्टाफ के सदस्यों के साथ मिलकर पौधारोपण भी किया। कार्यक्रम का आरम्भ विधिवत् वेद मंत्रोच्चारण के साथ हुआ। कैदी बंधुओं ने दैहिक स्वस्थता व आत्मिक शक्ति से ओतप्रोत हो कार्यक्रम का भरपूर लाभ प्राप्त किया।
Related Articles
Comments
- No Comments...