(सिरसा)लैंगिक संवेदनशीलता विषय पर संवेदनाÓ शीर्षक के अंतर्गत एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया
- 03-Sep-25 12:00 AM
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सिरसा 3 सितंबर (आरएनएस)। राजकीय नेशनल महाविद्यालय, सिरसा में लैंगिक संवेदनशीलता विषय पर संवेदनाÓ शीर्षक के अंतर्गत एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के उप प्राचार्य डॉ. हरविंदर सिंह ने की। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं में लैंगिक समानता, महिलाओं के अधिकारों और सामाजिक संवेदनशीलता के प्रति जागरूकता फैलाना है।महाविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी प्रोफेसर रमेश सोनी ने बताया कि कार्यक्रम के प्रारंभ में महिला प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. मीत ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि लैंगिक संवेदनशीलता केवल महिलाओं के अधिकारों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज में समान अवसर, सम्मानजनक व्यवहार और न्यायपूर्ण दृष्टिकोण स्थापित करने का माध्यम है। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि सामाजिक और शैक्षणिक वातावरण में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने से ही वास्तविक प्रगति संभव है। डॉ. मीत ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी केवल शिक्षा प्राप्त करना नहीं है, बल्कि शिक्षा के साथ-साथ समाज में सकारात्मक सोच और व्यवहार को भी अपनाना है। लैंगिक समानता को लेकर युवाओं की जागरूकता ही समाज को नई दिशा दे सकती है। डॉ. मीत ने अपने व्याख्यान में विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से छात्र-छात्राओं को समझाया कि कैसे लिंगभेद समाज के विकास में बाधा बनता है और इसे दूर करने के लिए हर व्यक्ति की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने महिला सुरक्षा कानूनों, कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडऩ से संबंधित प्रावधानों और महिलाओं के लिए उपलब्ध संवैधानिक अधिकारों पर भी प्रकाश डाला।उप प्राचार्य डॉ. हरविंदर सिंह ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि आज के समय में शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह छात्रों को समाज में जिम्मेदार नागरिक बनने की प्रेरणा भी देती है। उन्होंने कहा कि लैंगिक संवेदनशीलता समाज के समग्र विकास की आधारशिला है। यदि हम अपने परिवार, विद्यालय और समाज में समानता का वातावरण बना पाएँगे तो निश्चित ही आने वाली पीढिय़ाँ अधिक जागरूक और संवेदनशील होंगी। डॉ. सिंह ने छात्र-छात्राओं से आह्वान किया कि वे लैंगिक भेदभाव को समाप्त करने के लिए जागरूकता फैलाएँ और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में अपनी भूमिका निभाएँ।कार्यक्रम में वक्ताओं ने यह भी रेखांकित किया कि लैंगिक संवेदनशीलता केवल महिलाओं या पुरुषों के लिए ही नहीं, बल्कि यह एक मानवीय मूल्य है जो सभी को समान रूप से प्रभावित करता है। इस अवसर पर महिला प्रकोष्ठ के सदस्यों डॉ करमजीत कौर, प्रो परमजीत कौर, प्रो गीता, डॉ मंजू कंबोज, डॉ सरोज बाला, डॉ शोभा, प्रो नीरू, प्रो वंदना, डॉ मीनाक्षी सहित महाविद्यालय के प्राध्यापकों डॉ प्रीति मोंगा, डॉ इंदिरा , डॉ मंजू मेहता, डॉ प्रियंका, डॉ दीपावली, प्रो सुनील कुमार, प्रो रमेश कुमार, प्रो सतपाल वर्मा, डॉ राज कुमारी, प्रो मंदीप कौर, सुश्री निशा इत्यादि ने भी अपनी कक्षाओं में विचार व्यक्त किए और छात्र-छात्राओं को समाज में समानता, सहिष्णुता और सहयोग की भावना विकसित करने का संदेश दिया।व्याख्यान में महाविद्यालय के प्राध्यापकगण एवं छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। विद्यार्थियों ने भी अपने विचार साझा किए और इस विषय पर कई प्रश्न पूछे, जिनका समाधान विशेषज्ञों ने विस्तार से दिया।अंत में कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। सभी ने यह संकल्प लिया कि वे अपने दैनिक जीवन में लैंगिक समानता और संवेदनशीलता को अपनाएँगे तथा समाज में जागरूकता फैलाने में सक्रिय भूमिका निभाएँगे।
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