(सिरसा)शिक्षा कुंभ में अर्थव्यवस्था में नवाचार व स्टार्टअप की भागीदारी पर होगा मंथन: दिप्ती धर्माणी

  • 05-Dec-23 12:00 AM

सिरसा 5 दिसंबर (आरएनएस)। अर्थव्यवस्था को शिखर पर पहुंचाने के लिए शिक्षा कुंभ की परंपरा शुरु की गई है। इस वर्ष यह कुंभ (राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थान) एनआईटी कुरुक्षेत्र में 20 दिसंबर को आयोजित किया जा रहा है। यह जानकारी प्रोफेसर दिप्ती धर्माणी ने देते हुए बताया कि हरियाणा में अपनी तरह का यह पहला आयोजन है, जिसमें शिक्षा द्वारा स्टार्टअप की अर्थव्यवस्था में भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अजमेर सिंह मलिक को इस कुंभ का निमंत्रण पत्र देने के पश्चात प्रोफेसर धर्माणी ने बताया किइस कुंभ में शिक्षक, उद्योगपति व विशेषज्ञ (एक्सपर्ट) सहभागीता करेंगे। देश की अर्थव्यवस्था को शिखर पर पहुंचाने के लिए शिक्षा कुंभ परंपरा की शुरुआत विद्या भारती द्वारा जालंधर में आयोजित हुए महाकुंभ से की गई थी। शिक्षा कुंभ आयोजन समिति की सदस्या प्रोफेसर दिप्ती धर्माणी ने कहा कि इस आयोजन में अर्थव्यवस्था में नवाचार व स्टार्टअप की भागीदारी पर मंथन होगा। अकादमिक संचालित स्टार्टअप की भूमिका को लेकर देश भर में शिक्षा कुंभ का आयोजन किया जाएगा। इस शिक्षा कुंभ में मंथन करते हुए अर्थव्यवस्था को शिखर पर पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त होगा। इसी कड़ी में एनआईटी, कुरुक्षेत्र में आगामी 20 दिसंबर को शिक्षा कुंभ-2023 का आयोजन किया जा रहा है। अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में प्रदेश में शिक्षाए नवाचार और उद्यमिता के परिदृश्य को फिर से वर्तमान समय की जरूरतों के मुताबिक परिभाषित किया जाएगा। प्रो. दीप्ति धर्माणी ने जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षा कुंभ का यह नवाचार उन्मुखी शिक्षा कुंभ का विचार डा. ठाकुर सुदेश कुमार रौनिजा जोकि इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक और समग्र शिक्षा विभाग के निदेशक भी हैं, द्वारा संचरित किया गया। उनके दिमाग की उपज यह दूरदर्शी विचार आरएसएस प्रचारक विजय नड्डा के कुशल मार्गदर्शन में हो रहा है। हमारी प्राचीन कालीन संस्कृती से इसकी प्रेरणा लेकर यह डिज़ाइन किया गया है। भारत में कुंभ की परंपरा को जीवंत करते हुए शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से राष्ट्र को विश्वगुरु के रूप में कायाकल्प का शिक्षा कुंभ प्रतीक है। उन्होंने बताया कि विद्या भारती और एनआईटी कुरुक्षेत्र के नेतृत्व में, शिक्षा कुंभ नवाचार, उद्यमिता और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया एक मंच है, जो शिक्षा में वैश्विक नेतृत्व के भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है। प्रो. दीप्ति धर्माणी ने बताया कि एनआईटी जालंधर में शिक्षा महाकुंभ के उद्घाटन सत्र को पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मध्य प्रदेश सरकार, शिक्षा मंत्रालय और कौशल मंत्रालय जैसी प्रतिष्ठित संस्थानों से समर्थन मिला है और इस सफलता ने शिक्षा कुंभ सहित आगामी संस्करणों के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा। शिक्षा कुंभ का आगामी संस्करण अप्रैल 2024 में एनआईटी श्रीनगर के लिए निर्धारित है, इसके बाद जून 2024 में एनआईटी हमीरपुर और अगस्त 2024 में एनआईटी दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। भव्य अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम, शिक्षा महाकुंभ अक्टूबर 2024 में आईआईटी रोपड़ में आयोजित होने वाला है। 180 देशों के शिक्षा मंत्री सहित सरकार, उद्योग व शिक्षा क्षेत्र के नामी चेहरे शिरकत करेंगे।इनोवेटर्स और स्टार्टअप उद्यमी करेंगे मंथनउद्यमिता, कौशल विकास, स्टार्टअप और नवाचार पर अपनी योजनाओं में भाग लेने और प्रदर्शित करने के लिए नवोन्वेषकों, स्टार्टअप, उद्यमियों और सिरसा के एटीएल प्रयोगशालाओं को निमंत्रण दिया गया है। प्रो. धर्माणी ने कहा कि यह समावेशी मंच प्रतिभागियों को शिक्षा कुंभ वेबसाइट पर उपलब्ध विषयों पर केंद्रित पेपर जमा करने के लिए आमंत्रित करता है। चयनित शोध पत्र प्रतिष्ठित पत्रिका, विकसित इंडिया में प्रकाशित किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि सिरसा के लोगों की भागीदारी से हरियाणा में छात्रों, एटीएल प्रयोगशालाओं और स्टार्टअप को आपकी विशेषज्ञता से लाभ उठाने का एक अनूठा अवसर मिलेगा।




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