(सिरसा)श्रीमद भागवत कथा का समापन

  • 12-Sep-25 12:00 AM

11 कुंडिय गायत्री महायज्ञ का आयोजनयज्ञ हिंदू संस्कृति की अनमोल देन: स्वामी दिनेशानंदसिरसा 12 सितंबर (आरएनएस)। योगाचार्य स्वामी भगवान देव परमहंस के शिष्य गद्दीनशीं अखिल भारतीय धर्म सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी दिनेशानंद महाराज ने कहा कि यज्ञ हिंदू संस्कृति की अनमोल देन है। आज विश्व के लिए प्रदूषण एक गंभीर चुनौती है इसका समस्या का यज्ञ के द्वारा सहज ही हल किया जा सकता है।वे शुक्रवार को अनाज मंडी स्थित श्री श्याम बगीची धाम में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के समापन अवसर पर अंतिम दिन 11 कुंडिय गायत्री महायज्ञ के बाद श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वेद कहता है कि सर्व सुखों की प्राप्ति करनी है और स्वर्ग की प्राप्ति करनी है तो यज्ञ करो। यज्ञ सर्व सुखों का स्त्रोत है। स्वामी जी ने कहा कि जब यज्ञ कुंड में शुद्ध सामग्री, खांड-बूरा, देशी घी की आहूति दी जाती है तो कुंड से एक दिव्य धूंआं्र पैदा होता है। उन्होंने कहा कि हवनयज्ञ कुंड से फार्मिक एल्डीहाइड गैस पैदा होता है, यह गैस गेंहू, सरसों, चना आदि फसलों में घातक कृमियों, कीटाणुओं को नष्ट कर देती है। उन्होंने कहा कि इस गैस से सारा वातावरण शुद्ध हो जाता है। उन्होंने कहा कि बादाम, किशमिश, काजू, अखरोट आदि पौष्टिक पदार्थ के मिश्रण से तैयार हवन सामग्री की आहुति हवन कुंड में डालने से एक विशेष प्रकार की ऊर्जा पैदा होती है, जो शरीर के छिद्रों के अंदर प्रवेश कर शरीर के अंद छुपे हुए घातक कीटाणुओं का नाश करती है और शरीर सुंदर स्वस्थ हो जाता है। उन्होंने कहा कि हवन कुंड में वेद मंत्रों द्वारा आहुति देने से दूर दूर तक वातावरण शुद्ध हो जाता है और वायु मंडल में फैले हुए दुर्गुणों, दुर्विचारों, दुर्भाओं को नष्ट कर सदगुणों का संचार करती है। उन्होंने कहा कि यदि देश-विदेशों में बड़े-बड़े यज्ञ किए जाए तो इससे प्रदूषण नष्ट हो जाएगा और यह समस्या सदा के लिए हल हो जाएगी। हवन यज्ञ के उपरांत श्रीमद भागवत की आरती की गई। बाद में भंडारे का प्रसाद वितरित किया गया।




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