(सिरसा)श्री मद्भागवत कथा: भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं रहस्यमयी: स्वामी दिनेशानंद

  • 09-Sep-25 12:00 AM

सिरसा 9 सितंबर (आरएनएस)। योगाचार्य स्वामी भगवान देव परमहंस के शिष्य गद्दीनशीं अखिल भारतीय धर्म सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी दिनेशानंद महाराज ने अनाज मंडी स्थित श्री श्याम बगीची धाम में आयोजित श्री मद्भागवत कथा के पांचवे दिन मंगलवार को भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं के द्वारा मानव को ज्ञान देकर भक्ति के मार्ग पर चलाने का काम किया।स्वामी जी ने भगवान श्री कृष्ण की माखन चोरी लीला का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि भगवान की लीलाएं पूर्णतया रहस्यमय है। इनका सीधा प्रभाव बुद्धि पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि लीलाओं के सुनने से मानव का मन पवित्र हो जाता है, मन में भक्ति की भावना जागृत होती है। भक्ति करने से मानव का अंतकरण मखन की तरह श्वेत, शुद्ध हो जाता है जिसे भगवान अपने से लगा लेते है और मानव का कल्याण हो जाता है। स्वामी जी ने गोपियों के संग श्रीकृष्ण के रास का वर्णन करते हुए कहा कि गोपी का अर्थ शुद्ध आत्मा है और आत्मा का परमात्मा से मिलन को ही रास कहा गया है। उन्होंने कहा कि जब आत्मा का परमात्मा से मिलन हो जाता है तब मानव संसार के सभी झंझटो को तिलांजलि दे देता है और वो परमात्मा की भक्ति में लग जाता है।स्वामी दिनेशानंद शास्त्री ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण के द्वारा गोपीयों संग रास करने का अर्थ श्री कृष्ण ने कालिया नाग और उसकी दस पत्नियों (नागिनें) का अंत कर लोगों को उनके खौफ से मुक्त्ति दिलाने का काम किया। दिनेशानंद ने इस पर विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि कालिया नाग का अर्थ मन है और इनकी दस पत्नियों में पांच पत्नियों का अर्थ ज्ञानेंद्रिया और पांच पत्नियों का अर्थ कर्म इंद्रियां है। उन्होंने कहा कि मानव अपने मन और इंद्रियों को वश में करके पूर्ण मानव बन सकता है। मानव वही है जिसने अपने मन और इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर ली हो। स्वामी जी ने कहा कि सच्चे मानव के लिए मन का चिंतन श्रेष्ठ होना चहिए, यदि मन का चिंतन श्रेष्ठ नही होगा तो वह मानव पशु समान है। उन्होंने चीरहरण का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि चीरहरण का मतलब आत्मा और परमात्मा के बीच पड़े अंहकार रुपी पर्दे को हटाना है। उन्होंने बताया कि मानव यदि इस अंहकार रुपी पर्दे को हटा दे तो उसे परमात्मा की प्राप्ति हो सकती है। आज कथा के दौरान छोटी-छोटी बच्चियों ने रास किया। स्वामी जी ने महारास के बारे में भी विस्तार से वर्णन किया। कथा के दौरान रास के अलावा भगवान श्री कृष्ण के जीवन से जुड़ी झाकियां भी प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर अखिल भारतीय धर्मसभा के सरंक्षक महेश सुरेकां, प्रधान गौरव स्वामी, रतन सिंगला, हनुमान बंसल, हेमंत दड़ोलिया, पवन मित्तल, धनश्याम बंसल, अशोक गोयल, रवि मरोदिया, पूर्ण जोशी, योगेश शर्मा, अशोक गोयल, दिपेश कांडा, अरुण बंसल, श्री श्याम बगीची के मुख्य सेवक पवन गर्ग, कृष्ण लाल गर्ग, अशोक खट्टर सहित अनेक श्रद्धालुजन मौजूद थे।




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