(सिरसा)हारे का सहारा ट्रस्ट ने स्कूल में करीब 2 हज़ार बच्चों को लगाया भोग
- 06-Oct-25 12:00 AM
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सिरसा 6 अक्टूबर (आरएनएस)। हारे का सहारा चैरिटेबल ट्रस्ट ने वर्ष 2025 में शुरू की गई 2 मुहिम भोग सरामणि और भात सरामणि को आगे बढ़ाते हुए आज अनाज मंडी स्थित राजकीय संस्कृति मॉडल स्कूल में लगभग 2000 बच्चो को भोग लगाकर आशीर्वाद लिया। ओडिशा के पूर्व राज्यपाल प्रो गणेशी लाल के नेतृत्व में आज ट्रस्ट की टीम स्कूल में पहुंची। जहाँ करीब 2 हज़ार बच्चों को भोग लगाने के साथ साथ सफाई कर्मचारियों को डबल बेड का कंबल देकर सम्मानित भी किया गया। सिंगला परिवार की तीनों पीढिय़ाँ प्रो गणेशी लाल, उनके पुत्र मनीष सिंगला व पौत्र लक्ष्य सिंगला का यहाँ पहुँचने पर भव्य स्वागत किया गया। मनीष सिंगला ने जीना इसी का नाम हैं, गीत गाकर सभी को मंत्रमुग्ध किया। प्रो गणेशी लाल ने इस मौके पर कहा कि माँ से बढ़कर इस दुनिया में कुछ नहीं है। यह सिर्फ एक वाक्य नहीं है, यह एक सत्य है जिसे सभी ने स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि एक बच्चे के लिए, उसकी माँ ही उसका पहला संसार होती है। उसकी गोद सबसे सुरक्षित आश्रय, उसकी आवाज़ सबसे मधुर संगीत और उसका स्पर्श हर दर्द की दवा होती है। माँ हमें सिर्फ चलना या बोलना नहीं सिखाती, बल्कि जीवन के पहले मूल्य—सत्य, करुणा और स्नेह—भी सिखाती है। वह हमारी पहचान की नींव रखती है। हमारी छोटी-छोटी सफलताओं पर उसका गर्व और हमारी असफलता पर उसकी सांत्वना, हमें जीवन में आगे बढऩे की शक्ति देती है। जब दुनिया हमारा साथ छोड़ देती है, तब भी माँ का हाथ हमारे सिर पर होता है। हारे का सहारा चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रधान मनीष सिंगला ने कहा कि हम यहां आपको भोगÓ लगाकर आपका आशीर्वाद लेने आए हैं। आज हमें यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है कि हमारी परिवार की तीनों पीढिय़ाँ—मेरे पिता प्रो. गणेशी लाल, मैं स्वयं, और मेरा पुत्र लक्ष्य सिंगला—आपके बीच खड़ी हैं। मेरा दृढ़ विश्वास है कि इस संसार में माँ से बढ़कर कोई नहीं है। माँ की पूजा से बड़ी कोई पूजा नहीं है और माँ की तपस्या से बड़ी किसी की तपस्या नहीं हैं। माँ ही हमारी जीवनरक्षक हैं, हमारी सबसे बड़ी सुरक्षा हैं। माँ की गोद साक्षात् स्वर्ग का सिंहासन है। दूर के स्वर्ग और नर्क की कल्पनाएँ व्यर्थ हैं—जो कुछ भी है, वह यहीं है, इसी जीवन में है। मनीष सिंगला ने बच्चों को कामयाबी का मंत्र देते हुए कहा कि अहंकार का त्याग करें, मौन (विनम्रता) धारण करें, और पूरे समर्पण के साथ एक पुष्प अपनी माँ के चरणों में अर्पित करें। यही सच्ची पूजा और सबसे बड़ा धर्म है। इस दौरान मनीष सिंगला ने जीना इसी का नाम हैं गीत गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। करीब 2 हज़ार बच्चों में भोजन वितरित किया गया। सफाई कर्मचारियों को डबल बेड का कंबल देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर निजी सचिव हरपिंदर शर्मा, योगेश बिज़ारनिया, प्रधानाचार्य मदन मलिक, नीरू, अंकुर छाबड़ा, चिमन भारतीय, अरुण कुमार, बिंदिया, देवेंद्र कुमार, द्रोण प्रसाद, प्रमोद कुमार, पंकज कौशिक, कृष्ण सहित नगर महामंत्री बॉबी लूथरा व प्रवीण खुराना इत्यादि मौजूद थे।
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