(सिरसा)1 साल से 19 साल तक बच्चे को दी जाएगी एलबेंडाजोल गोली : सिविल सर्जन डा. एम के भादु

  • 18-Sep-24 12:00 AM

- सिविल सर्जन डा. एम.के. भादू ने एल्बेंडाजोल गोली खाकर किया प्रोग्राम का शुभारंभसिरसा 18 सितंबर (आरएनएस)। स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के तहत हर 6 महीने में 1 साल से 19 साल तक के बच्चों स्वास्थ्य को सुधारने के लिए व पेट में कीड़े मारने के लिए एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाती है। कार्यक्रम के तहत जिला में 4 लाख 16 हजार 584 बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी।सिविल सर्जन डॉ महेंद्र भादु ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के तहत 24 सितंबर को मॉप-अप दिवस पर सभी बच्चों व 20 साल से 24 साल तक महिलाओं को आशा वर्कर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व एएनएम (ट्रिपल-ए) द्वारा एल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई जाएंगी। इस दौरान गोलियां लेने से वंचित रहे बच्चे व महिलाओं को 19 से 22 सितंबर को मॉप-अप दिवस के दौरान गोलियां खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य दृष्टि से ये गोलियां लेना जरूरी है, इसलिए 1 से 19 साल तक के सभी बच्चों व 20 से 24 साल तक महिलाओं को यह गोली खानी आवश्यक है। बाल रोग विशेषज्ञ डा. भारत भूषण सिंगला ने बताया कि पेट में कीड़े होने की वजह से बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास रुक जाता है, इसलिए बच्चों को ये गोलियां खिलवाना सुनिश्चित करें।उप सिविल सर्जन डॉ शम्मी जिंदल ने बताया कि महिलाओं व बच्चों को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के तहत पेट के कीड़े मारने वाली गोली खाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। बच्चों से लेकर बड़ों तक साल में दो बार एल्बेंडाजोल गोली का सेवन करना फायदेमंद है। स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग द्वारा मिलकर ही यह कार्यक्रम किया जाता है।उन्होंने अभिभावकों से आह्वान किया कि वे अपने बच्चों को पेट के कीड़े मारने की गोली खिलाने के लिए अपने नजदीकी आशा वर्कर, एएनएम, आंगनबाड़ी वर्कर को सहयोग करें क्योंकि इस बार स्वास्थ्य विभाग द्वारा घर-घर जाकर गोली खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का लक्ष्य स्वास्थ्य और पोषण में सुधार, रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि, एनीमिया में नियंत्रण, कृमि संक्रमण की व्यापकता में कमी, सीखने की क्षमता और कक्षा में अनुपस्थिति में सुधार, व्यस्क होने पर काम करने की क्षमता में बढ़ोतरी कापस है। उन्होंने बताया कि दस्त लगना, पेट में दर्द होना, कमजोर होना, उल्टी लगना और भूख न लगना, पढ़ाई में मन न लगना व खून की कमी होना व अन्य परेशानी होना आदि कृमि संक्रमण के लक्षण हैं।काउंसलर कमल कक्कड़ ने बताया कि पेट के कीड़े मारने की एल्बेंडाजोल गोली की मात्रा 1 से 2 साल के बच्चों के लिए आधी गोली चम्मच में पीसकर दी जाती है, 2 से 3 साल के बच्चों को पूरी गोली चम्मच में पीसकर दी जानी है व 3 साल से 24 साल तक के बच्चों व महिलाओं को पूरी गोली चबाकर खिलाने की हिदायत दी गई हैं, यह गोली खाली पेट न खाई जाए।सिरसा, 18 सितंबर फोटो: 04




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