(सिरसा)9वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थी पढ़ाई के साथ साथ सीख रहे हैं मूर्तिकला का हुनर

  • 11-Jun-24 12:00 AM

सिरसा 11 जून (आरएनएस)। कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग व शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में अनूठी पहल शुरू की गई है, जिसके तहत आयोजित टाबर उत्सवÓ मनाया जा रहा है। टाबर उत्सव में विद्यार्थियों को मूर्तिकला का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिला में ऐलनाबाद के राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में इस उत्सव के तहत बच्चों को मूर्तिकला का हुनर देना शुरू किया गया है। यह कार्यक्रम 30 जून तक सुबह 8 बजे से 11 बजे तक ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान चलेगा।कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी (मूर्तिकला) हृदय कौशल ने बताया कि जिला के विभिन्न सरकारी स्कूलों के कक्षा 9वीं से 12वीं के लगभग 40 से 50 विद्यार्थी मूर्तिकला सीखेंगे। टाबर उत्सव के तहत विद्यार्थियों का अब किताबी ज्ञान के साथ-साथ मूर्तिकला का हुनर भी निखारा जाएगा।उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण आधुनिक मूर्तिशिल्प क्ले मॉडलिंग, रिलीफ एवं 3 डी स्कल्पचर आर्ट मंए हरियाणवी संस्कृति पर आधारित है। ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान छात्र-छात्राओं का रचनात्मक/कलात्मक विकास करवाने के लिए यह प्रशिक्षण बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने में कारगर सिद्ध होगा। इससे विद्यार्थी भविष्य में कला प्रतियोगिताओं में बढ़-चढकऱ भाग लेने के साथ राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की मूर्ति शिल्प प्रतियोगिताओं के बारे में भी जानेंगे।यह टाबर उत्सव कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव वी. उमा शंकर, शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ जी. अनुपमा तथा सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक मनदीप सिंह बराड़ एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक जितेंद्र कुमार तथा विभाग के अतिरिक्त निदेशक विवेक कालिया एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक अमृता सिंह के मार्गदर्शन में हृदय कौशल, कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी (मूर्तिकला) तथा कार्यक्रम अधिकारी (कल्चर) अमनप्रीत कौर के मार्गदर्शन में जिला में किया जा रहा है। इस ग्रीष्मकालीन शिविर टाबर उत्सवÓ का उद्देश्य होनहार छात्र-छात्राओं को मूर्ति शिल्प कला में अपनी प्रतिभा निखारने व लुप्त हो रही मूर्तिकला के विकास के उद्देश्य के साथ-साथ होनहार कलाकारों के मार्गदर्शन में सरकारी स्कूल स्तर के विद्यार्थियों को कला के क्षेत्र में तकनीकी दृष्टिकोण प्रयोगात्मक अभ्यास के साथ लर्निंग बाय डूइंग प्रोसेस के माध्यम से मूर्ति शिल्प व क्राफ्ट की सौंदर्यात्मक एवं विभिन्न माध्यमों में तकनीकी प्रशिक्षण भी मिलेगा।




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