(सीहोर)दीपावली पर ऑनलाइन खरीदारी न करके स्वदेशी वस्तुओं को अपनाएं-पूर्व नपाध्यक्ष राकेश राय

  • 13-Oct-25 12:00 AM

सीहोर 13 अक्टूबर (आरएनएस)।दीपावली पर ऑनलाइन खरीदारी न करके स्वदेशी वस्तुओं को अपनाएं, जिससे स्थानीय कारीगरों और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। इस त्योहारी सीजन में, आप पारंपरिक मिट्टी के दीये, सजावटी सामान और अन्य उपहार स्वदेशी वस्तुओं से खरीद सकते हैं, जो आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी पूरा करेंगे। सोमवार को पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष राकेश राय ने क्षेत्रवासियों को दीपावली की बधाई संदेश देते हुए कहाकि दीपावली का पर्व प्रकाश का पर्व है। भारतीय अर्थव्यवस्था में त्योहारों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इन त्योहारों में हर समाज और उनके द्वारा निर्मित्त होने वाली वस्तुओं का महत्व होता है। दीपावली का पर्व इन त्योहारों में महत्वपूर्ण है। दीपोत्सव धनतेरस से शुरू होता है। धनतेरस के बर्तन और सोना-चांदी के गहने व अन्य वस्तुओं खरीदने का महत्व होता है। बर्तन और गहनों की खरीदारी होने के कारण बर्तन का व्यापार करने वाले और स्वर्णकार के रोजगार को मूल आधार मिलता है।इसी तरह कुंभकार मिट्टी के दीये और अन्य सजावट का सामान दीपावली के लिए बनाते है। वर्तमान कालखंड वैश्वकि क्रांति का युग है। इसलिए स्थानीय कारीगरों को विश्वस्तरीय कंपनियों से स्पर्धा करनी पड़ती है। दीये से लेकर साफ-सफाई में उपयोग आने वाला विदेशी कारीगरों द्वारा निर्मित्त सामान अधिक आकर्षक होता है। इसलिए विदेशी वस्तुएं ज्यादा पसंद की जाती हैं। इसलिए उन्होंने सभी क्षेत्रवासियों से स्थानीय दुकानदारों से दीपावली पर खरीदी करने का संदेश दिया है। दीपावली के पर्व पर हमारे परंपरागत रोजगारों को प्रोत्साहित करने का एक मौका है। देसी सामान खरीदने के लिए अनुरोध करने के साथ जागरूक करेंगे, ताकि लोग दीपावली पर चाइनीज झालर व दीये न खरीदकर स्थानीय कारीगरों द्वारा निर्मित्त वस्तुओं को खरीदें। त्योहार ही भारतीय अर्थव्यवस्था का मूल आधार होते हैं। मैं स्वयं भी रंग-बिरंगे दीयों की बजाय स्थानीय कुंभकारों द्वारा निर्मित्त दीयों से दीपोत्सव मनाऊगां।




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