(सीहोर)नवरात्रि हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा, मिलेंगी ढेर सारी खुशियां

  • 08-Oct-23 12:00 AM

सीहोर 8 अक्टूबर (आरएनएस)। नौ दिनी शारदीय नवरात्र पर्व आगामी 15 अक्टूबर से मनाया जाएगा। इस बार मां दुर्गा ब्रह्म योग में सुख-समृद्धि और खुशहाली लेकर हाथी पर सवार होकर आएंगी। इस बार कोरोना प्रतिबंध से मुक्त उत्सव की तैयारी शहर के प्रसिद्ध मरीह माता मंदिर में की जा रही है। इसके चलते हवन-पूजन और अनुष्ठानों के साथ बड़े पैमाने पर गरबा खेला जाएगा। माता मंदिर में नित नवीन श्रृंगार किया जाएगा।शहर के विश्रामघाट स्थित प्रसिद्ध मरीह माता मंदिर में इन दिनों नवरात्रि पर्व को लेकर तैयारियां चल रही है। रविवार को मंदिर के व्यवस्थापक रोहित मेवाड़ा, मनोज दीक्षित मामा, रामू सोनी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मंदिर में पर्व को लेकर विचार-विमर्श किए। इस मौके पर गोविन्द मेवाड़ा ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी नवरात्रि का पर्व आस्था और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। यहां पर सुबह हवन-पूजन के पश्चात आरती की जाएगी, इसके अलावा प्रतिदिन देवी का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। वहीं महाष्टमी को परम्परानुसार रात्रि बारह बजे महानिशा आरती और नवमीं पर विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। भंडारे में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे।नवरात्रि का प्रारंभ 15 अक्टूबर से होने जा रहा है। नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्रि का पर्व साल में दो बार आता है। एक चैत्र नवरात्रि और अश्विन मास में आने वाले नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहते हैं जो अक्टूबर के महीने में आते हैं। इन 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूप का विशेष पूजा अर्चना की जाती है और विजयदशमी के दिन शारदीय नवरात्रि का संपन्न हो जाते हैं। इस बार मां दुर्गा का आगमन हाथी की सवारी पर हो रहा है। इसे ज्योतिषी बहुत ही शुभ फलदायी बता रहे हैं। पंडित श्री दीक्षित ने बताया कि देवी भागवत में बताया गया है कि जब भी पहला नवरात्र सोमवार या रविवार को पड़ता है तो माता का वाहन हाथी रहता है। इस दिन नवरात्रि होने पर माता हाथी की सवारी से आती हैं। वैसे माता का वाहन सिंह हैं लेकिन, जब भी माता धरती पर आती हैं तो वह अपने अलग अलग वाहनों से आती हैं। माता के इन वाहनों के आने और उसका क्या परिणाम मिलता है इसके बारे में विस्तार से देवी भागवत पुराण में बताया गया है। देवी भागवत पुराण के अनुसार, माता का हाथी पर आगमन बहुत ही शुभ रहने वाला है। माता जब भी हाथी पर सवार होकर आती हैं तो वह अपने साथ खूब सारी खुशियां, ज्ञान और समृद्धि लेकर आती हैं। जब भी माता हाथी की सवारी पर आती हैं तो देश में धन धान्य में बढ़ोतरी होती है। साथ ही अनाज के भंडारे भी भरेंगे। क्षेत्र में सुख समृद्धि आएगी। नवरात्रि का समापन 23 अक्टूबर को होगा।




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