(सीहोर)बस स्टैंड पर बनाए जाने वाले हनुमान मंदिर पर जरूरतमंदों को प्रतिदिन मिलेगी निशुल्क भोजन प्रसादी

  • 21-Nov-24 12:00 AM

सीहोर 21 नवंबर (आरएनएस)।विश्व में हनुमान भक्तों की आस्था का केन्द्र माने जाने वाले मेहंदीपुरा बाला जी की तर्ज पर बस स्टैंड पर श्री सिद्ध हनुमान मंदिर प्रसिद्ध होने जा रहा है। करीब तीन करोड़ से बनाए जाने वाले हनुमान मंदिर में राजस्थान से लाखों रुपए से मंगाए गए राम दरबार की प्राण-प्रतिष्ठा का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर देश भर के प्रसिद्ध संतों का समागम होगा। गुरुवार को इसको लेकर मंदिर में समिति के संरक्षक श्री-श्री 108 पंडित दुर्गाप्रसाद कटारे, समिति के अध्यक्ष रुद्र प्रकाश राठौर, मंदिर के पुजारी अनिल शास्त्री ने प्रेस वार्ता का आयोजन किया था। इस मौके पर पंडित कटारे ने कहा कि हनुमान जी के इस मंदिर की सात दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा का आयोजन हनुमान जयंती के पावन अवसर पर किया जाएगा। जनवरी तक मंदिर परिसर पूर्ण हो जाएगा, इसके उपरांत सात दिवसीय भव्य प्राण-प्रतिष्ठा के लिए प्रसिद्ध धर्म आचार्यों की उपस्थित में भव्य आयोजन को पूर्ण किया जाएगा। इसके लिए प्रसिद्ध संत बागेश्वरधाम के पंडित धीरेन्द्र शास्त्री के मुख्य आतिथ्य में धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किया जाएगा।समिति के संरक्षक पंडित कटारे बाबा ने बताया कि मंदिर परिसर काफी भव्य है यह मंदिर और धर्मशाला की तरह रहेगा, यहां पर आने वाले सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं के ठहरने और निशुल्क भोजन प्रसादी का इंतजाम किया जाएगा। यह शहर का एकमात्र मंदिर ऐसा है जिसमें सभी समाज के लोगों का सहयोग लिया गया है। मंदिर समिति द्वारा सभी के सहयोग से मंदिर निर्माण का कार्य जारी है।उन्होंने कहा कि हमारे ब्रह्मलीन पिता द्वारा करीब 232 से अधिक मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जा चुका है और हमारे द्वारा भी अब तक 88 से अधिक मंदिरों के जीर्णोद्धार के साथ प्राण-प्रतिष्ठा हो चुकी है और करीब 12 मंदिर निर्माणाधीन है। इन मंदिरों में शहर का हनुमान मंदिर करीब 60 वर्ष पूर्व ब्रह्मलीन सूरदास महाराज मनोहर दास द्वारा निर्मित किया गया था, जो दयनीय स्थिति में था, लेकिन अब राजस्थान से मंगवाए पत्थरों की नक्काशी से मंदिर अपने दिव्य स्वरूप में झलक रहा है। हमारा उद्देश्य हिंदू समाज को मजबूत करना है। इसके अलावा हिंदू जीवन दर्शन और आध्यात्म की रक्षा, संवर्दधन और प्रचार, विदेशों में रहने वाले हिंदूओं से तालमेल रखना, हिंदू और हिंदूत्व की रक्षा के लिए उन्हें संगठित करना है। धर्म उन लोगों की रक्षा करता है जो इसकी रक्षा करते है। इसलिए आप सभी सहयोग करे। अब तक दो करोड़ रुपए क्षेत्रवासियों और श्रद्धालुओं ने प्रदान किए है और आगे भी सहयोग मिलता रहेगा।




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